झोलाछाप डॉक्टरों के सहारे चल रहे अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई, रद्द हुआ लाइसेंस
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जनपद में लगातार निजी चिकित्सालयों की मनमानी से मरीजों को जान गवानी पड़ती है। जिले में अधिकतर निजी चिकित्सालय बिना डॉक्टरों के ही संचालित हो रहे हैं । सबसे बड़ी बात है कि झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा मुख्य चिकित्साधिकारी के बाबुओं के मिली भगत से कुकुरमुत्ते की तरह निजी हास्पिटल खुले है। पैसे की अवैध कमाई के लिए मरीजों को प्रलोभन देकर भर्ती करके उनके जान के साथ सौदा किया जाता है।
अधिकतर निजी चिकित्सालयों में न ही चिकित्सक है और न ही पैरा मेडिकल स्टाफ है। बाबुओं की मिली भगत से फर्जी दस्तावेजों के द्वारा निजी चिकित्सालयों का रजिस्ट्रेशन मनमाने तरीके से किया जाता है। जिसका परिणाम है कि आए दिन जनपद में मरीजों को बिना कारण ही काल के गाल में समाना पड़ता है।
ताजा मामला सैयदराजा कस्बा की रजिया सुल्तान का है जो जिला मुख्यालय के आस्था हॉस्पिटल में प्रसव कराने के लिए पहुची थी।जहां उसका सामान्य प्रसव कराया गया, उसके बाद उसकी स्थिति बिगड़ने लगी तो मरीज के परिजनों से ब्लड चढ़ाने के लिए मनमाने तरीके से पैसा लिया गया।मरीज को ब्लड चढ़ाते समय ही उसकी मौत हो गई। प्रसूता के मौत के बाद परिजनों ने हंगामा कर मुख्य चिकित्सा अधिकारी से आस्था हास्पिटल की जांच कर कार्रवाई करने की मांग किया।
परिजनों के मांग पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जांच में आस्था हॉस्पिटल में कोई भी डॉक्टर तथा पैरा मेडिकल स्टाफ डिग्रीधारी नहीं होना पाया ।
मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि कारण बताओ नोटिस के बाद भी चिकित्सालय के प्रबंधक द्वारा किसी तरह का कोई जवाब नहीं दिया गया जिससे आस्था हास्पिटल का रजिस्ट्रेशन निरस्त किया जाता है।
जनपद में यह नया मामला नही है अधिकतर निजी हॉस्पिटलों को फर्जी तरीके से चलाया जा रहा हैं और मरीजों के जान से खिलवाड़ किया जा रहा है।
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