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कोयला मंडी के कारोबारी का कारनामा, करोड़ों के फेर में ऐसे फंस गया मुंशी

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले की कोयला मंडी में शुक्रवार को एक नायाब किस्म की धोखाधड़ी करके अपने कर्मचारी को फंसाने का मामला सामने आ गया है। जिले की मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के सुभाष नगर निवासी कोयला व्यापारी ने जालसाजी कर अपने मुंशी के नाम से बनाई गई फर्म से एक करोड़ 12 लाख रूपये का राजस्व घोटाला
 

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चंदौली जिले की कोयला मंडी में शुक्रवार को एक नायाब किस्म की धोखाधड़ी करके अपने कर्मचारी को फंसाने का मामला सामने आ गया है। जिले की मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के सुभाष नगर निवासी कोयला व्यापारी ने जालसाजी कर अपने मुंशी के नाम से बनाई गई फर्म से एक करोड़ 12 लाख रूपये का राजस्व घोटाला किया है और इसके बदले उस कर्मचारी को जेल भी जाना पड़ा है।

हालांकि मामले में क्षेत्राधिकारी सदर त्रिपुरारी पांडेय ने बताया एसपी के निर्देश पर मामले को दर्ज कर लिया गया है। भुक्तभोगी की तहरीर पर प्रथम दृष्टया  पुलिस ने सुभाष नगर निवासी व्यापारी विशाल जगोट के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर किया।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार महावलपुर (दुलहीपुर) के विनोद कुमार चौहान चंधासी कोयला मंडी में विशाल के यहां मुंशी के पद पर कार्य करता था। विशाल ने विनोद के ऊपर चोरी का आरोप लगाते हुए वर्ष 2017 में उसे हटा दिया। इसके बाद वर्ष 2018 को विनोद को एक नोटिस मिली जिसमें राजस्व विभाग द्वारा एक करोड़ 12 लाख चार हजार रुपये राजस्व (जी एस टी वी अन्य टैक्स) का बकाया दिखाया गया था।

बताया जा रहा है कि मामले में आरसी जारी होने के बाद मुंशी को जेल की हवा तक खानी पड़ी। जेल से छूटने के बाद पीड़ित ने अपनी मां के साथ घटना की जानकारी पुलिस अधीक्षक हेमंत कुटियाल को दी है। एसपी के निर्देश पर कोतवाली में मामला दर्ज कर क्षेत्राधिकारी सदर के नेतृत्व में जांच की जा रही है। पुलिस बैंक पहुंच कर कागजातों को खंगाल रही है।

नोटिस मिलने के बाद मुंशी सन्न रह गया। उसने मामले की तह तक जाने का काफी प्रयास किया लेकिन बकाया जमा न करने की वजह से उसे जेल की हवा खानी पड़ी। जेल से छूटकर आने के बाद विनोद ने अपने तरीके से जांच की तो पता चला कि विशाल ने उसके नाम पर फर्जी फर्म बना रखी है। आनन फानन में पीड़ित अपनी मां के साथ एसपी कार्यालय पहुंचा। एसपी से मामले की शिकायत की।

मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी ने CO को जांच का आदेश दिया। CO के नेतृत्व में जांच शुरू की गई। विवेचक राजनारायण पांडेय अपनी टीम के साथ एक बैंक में पहुंचे। यहां फर्म से जुड़ी फाइलों की पड़ताल की गई।

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