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….तो क्या अब नौबतपुर में बनेगा राजकीय मेडिकल कॉलेज !

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले में कई राजनीतिक उतार-चढ़ाव के बाद आखिरकार जिले में एक बार फिर से राजकीय मेडिकल कॉलेज के निर्माण की पहल शुरू हो गई है। शासन के निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने नौबतपुर बार्डर के समीप वाणिज्य कर विभाग की आठ एकड़ जमीन चिह्नित किया है। इसके अलावा शेष ढ़ाई एकड़ जमीन के
 

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चंदौली जिले में कई राजनीतिक उतार-चढ़ाव के बाद आखिरकार जिले में एक बार फिर से राजकीय मेडिकल कॉलेज के निर्माण की पहल शुरू हो गई है। शासन के निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने नौबतपुर बार्डर के समीप वाणिज्य कर विभाग की आठ एकड़ जमीन चिह्नित किया है। इसके अलावा शेष ढ़ाई एकड़ जमीन के लिए समीपवर्ती खेदाईपुर गांव के किसानों से सहमति बन गई है। मेडिकल कॉलेज के निर्माण होने से जिलेवासियों के अलावा पूर्वांचल व बिहार के समीपवर्ती जिले के युवाओं व मरीजों को लाभ मिलेगा।

जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल के निर्देश पर एसडीएम सदर हीरालाल और तहसीलदार फूलचंद यादव ने मंगलवार की शाम चयनित स्थल का निरीक्षण किया। मेडिकल कॉलेज के लिए साढ़े दस एकड़ जमीन की जरुरत है। इसमें आठ एकड़ जमीन वाणिज्य कर विभाग परिसर से अधिग्रहित कर ली जाएगी। शेष ढ़ाई एकड़ जमीन के लिए एसडीएम व तहसीदार ने खेदाईपुर के किसानों से वार्ता की। किसान मुआवजे के साथ ही सरकारी नौकरी की मांग पर अड़े रहे। घंटों पंचायत के बाद किसानों ने 40 लाख रुपये प्रति बीघा मुआवजे पर सहमति जतायी।

 

अधिकारी द्वव ने किसानों से सहमति पत्र पर हस्ताक्षर भी करा लिया। उन्होंने बताया कि जल्द ही प्रमुख सचिव स्वास्थ्य रजनीश दूबे का दौरा होने वाला है। कागजी कार्रवाई पूरी हो गई, तो मेडिकल कॉलेज के निर्माण का रास्ता साफ हो जाएगा। नौबतपुर बार्डर पर मेडिकल कॉलेज का निर्माण होने से क्षेत्र के विकास की भी उम्मीद जग गई है। रोजगार की कमी भी पूरी होगी। चेक-पोस्ट समाप्त होने के बाद नौबतपुर पूरी तरह विरान हो गई है।

 

जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल बोले

शासन के निर्देश पर जिला अस्पताल से 10 किमी की दूरी के अंदर मेडिकल कॉलेज के लिए जमीन चिह्नित करनी है। नौबतपुर में जगह चिह्नित कर ली गई है। इसके अलावा अन्य विकल्प की भी तलाश जारी है। इसके बाद शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा। 

 

ऐसे चली थी खींचतान

तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 2014 में रामनगर जनसभा में चंदौली जिले में राजकीय मेडिकल कॉलेज की घोषणा की थी। उन्होंने 2017 में विधानसभा चुनाव से पहले 500 करोड़ का बजट भी पास करा दिया। जिले के माधोपुर गांव में उद्यान विभाग की सात एकड़ जमीन भी अधिग्रहित कर ली गई थी। हालांकि सत्ता परिवर्तन के बाद मामला अधर में लटक गया। सपाई लगातार सत्ता पक्ष पर जिले के मेडिकल कॉलेज को दूसरे जिले में स्थानांतरित कराने का आरोप लगाते रहे। कैबिनेट मंत्री एवं चंदौली सांसद डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय व सैयदराजा विधायक सुशील सिंह की पहल पर एकबार फिर मेडिकल कॉलेज के निर्माण की उम्मीद जगी है।

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