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वीडियो : अघोर पंथ के संत कीनाराम को इस तरह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया याद

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली में स्थित अघोरेश्वर संत कीनाराम की जन्मस्थली पर पूजा अर्चना की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अघोर पंथ के संत कीनाराम की 420 वीं जन्म जयंती के अवसर पर आयोजित जन्मोत्सव में पहुंचे थे। गौरतलब है कि अघोर पंथ के संत कीनाराम का जन्म
 

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली में स्थित अघोरेश्वर संत कीनाराम की जन्मस्थली पर पूजा अर्चना की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अघोर पंथ के संत कीनाराम की 420 वीं जन्म जयंती के अवसर पर आयोजित जन्मोत्सव में पहुंचे थे।

 

गौरतलब है कि अघोर पंथ के संत कीनाराम का जन्म आज से 419 साल पहले चंदौली के चहनियां इलाके के रामगढ़ गांव में हुआ था। योगी आदित्यनाथ चहनियां के रामगढ़ पहुंचे और अघोरेश्वर संत कीनाराम की समाधि स्थल का दर्शन पूजन किया। इसके बाद वहां मौजूद जनसमूह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि आज अघोरेश्वर  संत कीनाराम जी की जन्म जयंती पर उनके दर्शन का लाभ मिल रहा है। योगी आदित्यनाथ ने योग और साधना के संदर्भ में भी विस्तार से चर्चा की और कहा कि आज भारत का योग विश्व के 193 देशों में जाना जाता है।

इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो साल पहले कश्मीर के मेंढर में आतंकी हमले में शहीद हुए चन्दौली के चहनियां इलाके के नदेसर गाव निवासी शहीद चंदन राय के परिजनों से भी मुलाकात किये और उनको सम्मानित भी किया।बताते चले कि दो साल पहले जब चंदन राय शहीद हुए थे तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि जब कभी भी उनका चन्दौली दौरा होगा वो चंदन के परिजनों से जरूर मिलेंगे। शहीद चंदन राय के पिता ने बताया कि आज मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री से हर संभव मदद का आश्वाशन दिया है।

जनपद के रामगढ़ में बाबा कीनाराम के 420 वें जन्मोत्सव में आये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि एक समय सुसुप्त अवधूत परंपरा को बाबा कीनाराम की प्रेरणा से नव स्वरूप मिला था।आज भी बाबा की स्मृतियां जन जन में बसी है।एक समय देश को अलग राष्टीयतायें कह कर टुकड़े टुकड़े में बाटने की साजिश रची जा रही थी।देश में जब भी संकट आता है , इस देश सांस्कृतिक विरासत एक होने की वजह से पूरा देश एकजुट हो जाता है।इसमें तत्कालीन पूज्य संतों का सानिध्य भी विशेष रूप से रहा है।शंकराचार्य ने देश की एकीकृत सांस्कृतिक विरासत को देखते हुए देश के चार कोने में पीठ की स्थापना की।देश में समय समय पर संतों ने जाति धर्म व सम्प्रदाय और मजहब से ऊपर उठकर लोक कल्याण के लिए अपना अमूल्यनिय योगदान दिया है।अपने संबोधन में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को योग परंपरा को वैश्विक मंच पर ले जाने की सराहना की।उन्होंने बाबा की स्मृतियों को संरक्षित रखने लोगों को प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस दौरान दर्शन पूजन के लिए भक्तों की उमड़ी भीड़ के हर हर महादेव और जय बाबा कीनाराम के गगन भेदी जयघोष से जन्मस्थली गुजांयमान रही । वहीं मुख्यमंत्री के आगमन के मद्देनजर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए थे।

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