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पराली पर प्रतिबंध से बर्बाद हो रही धान की फसल, भाजपा के जन प्रतिनिधियों से नाराज हैं लोग

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show देश के अलग अलग प्रदेशों की तरह उत्तर प्रदेश में भी पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से पराली जलाने पर लगे प्रतिबंध के बाद चंदौली जिले में किसानों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। धान की कटाई और रबी की बोवाई के पीक सीजन में दोराहे पर खड़े जिले के किसानों को अब कुछ
 
पराली पर प्रतिबंध से बर्बाद हो रही धान की फसल, भाजपा के जन प्रतिनिधियों से नाराज हैं लोग

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देश के अलग अलग प्रदेशों की तरह उत्तर प्रदेश में भी पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से पराली जलाने पर लगे प्रतिबंध के बाद चंदौली जिले में किसानों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। धान की कटाई और रबी की बोवाई के पीक सीजन में दोराहे पर खड़े जिले के किसानों को अब कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करें और क्या न करें। किसानों का कहना है कि वोट मांगते समय किसान हितैषी बनने वाले भाजपा के विधायक व सांसद पता नहीं कहां गायब हो गए हैं।

किसानों की हालात यह है कि खेतों में धान की फसल पककर बर्बाद हो रही लेकिन मुकदमा दर्ज होने के भय से अभी 60 फीसदी फसल की कटाई नहीं हो पाई है। इससे न सिर्फ उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है बल्कि गेहूं, चना, मसूर, सरसो की बोवाई भी पिछड़ रही है।

किसानों का कहना है कि प्रशासन के इस तुगलकी फरमाने से किसान दोहरा नुकसान उठा रहे हैं। किसानों का दर्द सुनने वाला कोई नहीं है। इधर, जिला प्रशासन पराली जलाने के मामले में एक दर्जन से अधिक किसानों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करा चुका है। ऐसे में किसान भयभीत हैं।

चंदौली जिले के चकिया, शहाबगंज, बबुरी, नरवन, धीना के क्षेत्रों में धान की कटाई का काम प्रभावित है। इसकी वजह पराली है और इन क्षेत्रों के किसान असमंजस में हैं।

कृषि विभाग के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों की माने तो जिले में तकरीबन 2.07 लाख किसान हैं। इन किसानों ने इस बार 1.12 लाख हेक्टेयर में धान की खेती की थी। इतने बड़े धान के रकबे में बिना विकल्प के पराली जलाने पर रोक बड़ी मुसीबत हो गई है।

चंदौली के किसान सत्तापक्ष के विधायकों व सांसद से भी इस मामले में नाराज चल रहे हैं। किसानों का कहना है कि वोट मांगते समय किसान हितैषी बनने वाले विधायक सांसद पता नहीं कहां गायब हो गए हैं। किसानों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों की चुप्पी पर जनता समय आने पर जरूर जवाब देगी।

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