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पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह के खिलाफ सदर कोतवाली में मुकदमा दर्ज करने का आदेश

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले के प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय रमेश यादव ने भरण-पोषण के मामले में सही आख्या प्रस्तुत न करने पर पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह के खिलाफ सदर कोतवाली में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। दो दिनों के अंदर मामले में हुई कार्रवाई की रिपोर्ट भी कोतवाल को न्यायालय में प्रस्तुत करनी होगी।
 

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चंदौली जिले के प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय रमेश यादव ने भरण-पोषण के मामले में सही आख्या प्रस्तुत न करने पर पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह के खिलाफ सदर कोतवाली में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। दो दिनों के अंदर मामले में हुई कार्रवाई की रिपोर्ट भी कोतवाल को न्यायालय में प्रस्तुत करनी होगी। वहीं विपक्षी के विरुद्ध कुर्की की कार्रवाई न होने पर एसपी के वेतन से कटौती कर हर माह दो हजार रुपये पीड़िता को भरण-पोषण के लिए भी देना होगा।

निशांत बानो ने मुगलसराय कोतवाली के सेमरा गांव निवासी वसीम अहमद के खिलाफ परिवार न्यायालय में वाद दाखिल किया था। पीड़िता ने विपक्षी से भरण-पोषण की मांग की थी। न्यायालय ने एसपी को मामले की जांच कर आख्या प्रस्तुत करने का आदेश दिया था लेकिन एसपी की ओर से सही ढंग से आख्या नहीं प्रस्तुत की गई। इस पर परिवार न्यायाधीश ने शनिवार को मामले की सुनवाई करते हुए एसपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश सदर कोतवाल को दिया है।

उन्होंने एसपी के वेतन से दो हजार रुपये की कटौती कर पीड़िता को भरण-पोषण के लिए देने को आदेशित किया है। वहीं पुलिस अधीक्षक के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए आदेश की प्रति प्रमुख सचिव गृह व पुलिस महानिदेशक को भी भेजा है। कार्रवाई कर एक माह के अंदर न्यायालय को अवगत कराना होगा।

न्यायालय की सख्ती से पुलिस महकमे में खलबली मची है। हाकिम के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश के बाद कोतवाल सकते में हैं। पुलिस अधीक्षक का कहना रहा कि मामला संज्ञान में नहीं है। जानकारी होने पर अपना पक्ष रखा जाएगा।

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