चंदौली जिले में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में जारी है गोलमाल, ऐसे खुल रही पोल
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सरकार जहां भ्रष्टाचार को समाप्त करके गरीबों को सीधे सुविधा देने के लिए अनेक तरीके की तकनीक का उपयोग कर रही है तो वहीं सरकारी योजनाओं के बिचौलिए भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए “तू डाल डाल तो, मैं पात पात” की कहावत को चरितार्थ करते हुए भ्रष्टाचार के नए तरीकों को अंजाम दे रहे हैं ।
जनपद में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सभी ब्लॉकों में गरीब जोड़ों की शादी करानी थी। इसके लिए सदर ब्लाक में 125 जोड़ों ने शादी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया गया था, लेकिन मीडिया द्वारा पुराने शादियों को पुनः करके सरकारी सुविधा लेने की खबर के उछालने के बाद आनन-फानन में जांच करके सभी फार्म को निरस्त करते हुए मात्र 25 जोड़ों की शादी आज कराई गई है।
यही नहीं, सकलडीहा विकासखंड परिसर में भी आज 53 रजिस्टर्ड जोड़ो का विवाह होना था, लेकिन सभी रजिस्टर्ड जोड़ें पहले ही शादी कर चुके हैं, जिसकी जांच के बाद वहां सामूहिक विवाह का कार्यक्रम कैंसिल कर दिया गया। वहाँ एक भी पात्र जोड़े शादी के लिए नहीं मिले । यही नहीं अगर गरीब वैवाहिक जोड़ों के लिए दी जाने वाली सामानों की गुणवत्ता भी देखी जाए तो उसमें भी गोलमाल दिखाई दे रहा है।
पिछली शादियों के जोड़ों को जहां कण्डाल सेट और ट्राली बैग के साथ 5 साड़ियों के साथ ब्रांडेड मोबाइल व सामान दिए गए थे। वहीं इस बार दूसरी एजेंसी द्वारा एक डिनर सेट और एक साड़ी के साथ श्रृंगार के सामान दिए जा रहे हैं। जिससे लक्षित हो रहा है कि सामूहिक विवाह योजना भ्रष्टाचार का एक माध्यम बनता जा रहा है।
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