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चंदौली जिला पंचायत में कमीशन का खेल, ‘घोटाला’ पास ‘विकास’ हो रहा है फेल

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले में भाजपा सरकार एक तरफ अपने 30 माह पूर्ण होने पर विकास कार्यों की हर तरफ गाथा गाने में जुटी है। वहीं जनपद के जनप्रतिनिधियों द्वारा कराए गए कार्यों का भी एक काला चिट्ठा देखने को मिला है। फतेहपुर गांव के समीप नहर पर बनी एक पुलिया को देखने से लग रहा है
 

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चंदौली जिले में भाजपा सरकार एक तरफ अपने 30 माह पूर्ण होने पर विकास कार्यों की हर तरफ गाथा गाने में जुटी है। वहीं जनपद के जनप्रतिनिधियों द्वारा कराए गए कार्यों का भी एक काला चिट्ठा देखने को मिला है। फतेहपुर गांव के समीप नहर पर बनी एक पुलिया को देखने से लग रहा है कि जिला पंचायत के अध्यक्ष व जिला पंचायत सदस्य के उद्घाटन के नाम का बोर्ड लगाकर कैसे अपनी वाहवाही पीट रहे हैं। यह जिले में विकास के उस कारनामे को प्रदर्शित करता है, जिसका गुणगान अक्सर अफसर व नेता करते रहते हैं।

 

बताते चलें कि जनपद के जिला पंचायत द्वारा फतेहपुर ग्राम नहर से इस पार उस पार करने के लिए एक पुलिया का निर्माण करने का प्रस्ताव बनाया गया और प्रस्ताव के दौरान उस पर 2017 -18 कार्यवृत्ति भी पास हो गई। यह कार्य वृत्ति जिला पंचायत सदस्य भैरव नाथ गुप्ता द्वारा पास कराया गया, जिस समय इस पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ तो ग्रामीण अब इस समस्या से निजात पाने की खुशी में झूम उठे थे, लेकिन इसे लगभग 1 वर्ष पूर्ण होने को आया और उद्घाटन की शिलापट्टी भी लग गया, लेकिन आज भी ज्यों की त्यों की स्थिति में बनी हुयी है।

बताया जा रहा है कि इस पुल के केवल पावे ही बने हैं। आप लोगों के द्वारा यह माना जा सकता है कि यह पुल इतना ही बनाने की कार्यवृति पास की गई थी, जिसकी जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा बोर्ड लगाकर उद्घाटन ही कर दिया गया और शेष कार्यों को 2019 से 20 के कार्य योजना में पूर्ण करना है।

 

अब या इसमें घोर अनियमितता कहें या भ्रष्टाचार..पर जो मामला उजागर हो रहा है, उससे साफ लगता है कि जिले में राम नाम की लूट है लूट सके तो लूट। लेकिन इस मार्ग से गुजरने वाले आलाअधिकारी कभी भी इस लोकार्पण की पट्टिका पर नजर डालने का भी जहमत नहीं उठाई, जिससे इस गांव के ग्रामीणों को इस मुसीबत से निजात मिल सके।

अब यह देखना है कि यह पुल निर्माण की कार्य योजना 2017 अट्ठारह में ही पास हो गई थी और उसका शिलान्यास कर इस पुल की पूर्ण होने की भी के बाद उद्घाटन का भी शिलापट्टी लगाया जा चुका है, लेकिन अभी भी पुल आधा अधूरा बना हुआ है।

 

इसे क्या माना जाए कि जिला पंचायत द्वारा की गयी लापरवाही या लूट..या फिर पैसे की बंदबांट…। चाहे जो हो यह जरूर है कि जन प्रतिनिधि अपना दामन खुद दागदार कर रहे हैं।

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