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ऑक्सीटोसिन वाले इंजेक्शन पर खामोश है चंदौली का जिला प्रशासन, जमकर हो रहा कारोबार

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show वैसे तो देखा जाय तो ऑक्सीटॉसिन इंजेक्शन का प्रयोग ही नहीं बल्कि बिक्री भी प्रतिबंधित है लेकिन चंदौली जिले के कई बाजारों व कस्बों में यह धड़ल्ले से बिक रहा। पशु पालक के अलावा कई और गैर कानूनी काम करने वाले लोग इसका जमकर उपयोग कर रहे हैं। ऐसी चर्चा है कि कच्ची शराब बनाने
 

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वैसे तो देखा जाय तो ऑक्सीटॉसिन इंजेक्शन का प्रयोग ही नहीं बल्कि बिक्री भी प्रतिबंधित है लेकिन चंदौली जिले के कई बाजारों व कस्बों में यह धड़ल्ले से बिक रहा। पशु पालक के अलावा कई और गैर कानूनी काम करने वाले लोग इसका जमकर उपयोग कर रहे हैं।

ऐसी चर्चा है कि कच्ची शराब बनाने वाले नशे की तीव्रता बढ़ाने के लिए भी इस इंजेक्शन का प्रयोग खूब कर रहे हैं, जिससे कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है।

इसके साथ साथ कहा जा रहा है कि बछड़े या पड़वा के मर जाने पर गाय व भैंस दूध दूहने में जब जानवर परेशान करते हैं तो पशुपालक इसका जमकर प्रयोग करते हैं। गाय व भैंस ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन से आसानी से दूध दे देती हैं। वैसे इसका प्रयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित है, क्योंकि इंजेक्शन के प्रयोग से मिलने वाले दूध में हानिकारक तत्व होते हैं। लेकिन जिले में प्रतिबंध शब्द कागजों पर चल रहा है।

जिले के लोगों ने जिलाधिकारी से प्रतिबंधित इंजेक्शन की बिक्री पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा है कि अधिकारियों को इस दिशा में सोचने व करने का आदेश जारी कर दें तो लोगों का कल्याण होगा।

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