जिले का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टलMovie prime

प्राइवेट स्कूलों में ऐसे चल रहा है लूट का खेल, विरोध में हुआ प्रदर्शन

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले के सकलडीहा इलाके में अल्पसंख्यक स्कूल की मान्यता लेकर मिशनरी स्कूलों द्वारा बहुसंख्यक समाज के बच्चों को शिक्षा देने के नाम पर कॉपी, किताब, बैग, ड्रेस,आदि के द्वारा लूट पर आक्रोशित होकर युवा संघर्ष मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने तहसील मुख्यालय पर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। युवा संघर्ष मोर्चा के संयोजक शैलेन्द्र पांडेय ने
 

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show

चंदौली जिले के सकलडीहा इलाके में अल्पसंख्यक स्कूल की मान्यता लेकर मिशनरी स्कूलों द्वारा बहुसंख्यक समाज के बच्चों को शिक्षा देने के नाम पर कॉपी, किताब, बैग, ड्रेस,आदि के द्वारा लूट पर आक्रोशित होकर युवा संघर्ष मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने तहसील मुख्यालय पर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया।

युवा संघर्ष मोर्चा के संयोजक शैलेन्द्र पांडेय ने मांग किया कि अल्पसंख्यक दर्जा की मान्यता लेकर के मिशनरी तथा मदरसा, स्कूल मनमानी फीस वसूल करते हुए बहुसंख्यक बच्चों से कॉपी, किताब ,बैग तथा ड्रेस के नाम पर व्यापार कर रहे है । जिससे उनके विद्यालयों में 25% गरीब बच्चों को निःशुल्क अनिवार्य शिक्षा देने से अलग रखा गया है। गरीबों को अनिवार्य शिक्षा का माखौल उड़ाते हुए शिक्षा के नाम पर व्यापार,फल फूल रहा है ।

अल्पसंख्यक दर्जे की मान्यता वाले विद्यालयों में 50% अल्पसंख्यक बच्चों का होना जरूरी है,लेकिन यहां मान्यता तो अल्पसंख्यको नाम से ली जाती है लेकिन काली कमाई बहुसंख्यक छात्रों को हाई टेक शिक्षा देने के नाम पर कॉपी, किताब,बैग, जूता तथा ट्यूशन फीस से मोटी रकम वसूल की जाती है। यह धंधा बंद करके उसमें भी गरीब बच्चों के 25% नामांकन के द्वारा निशुल्क पढ़ाई की व्यवस्था लागू की जाए नहीं तो संघर्ष मोर्चा आक्रामक आंदोलन करेगा ।

इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी भोलेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि स्कूलों को शासन स्तर पर मान्यता दी जाती है। इस संबंध में जिले स्तर से कोई कार्यवाही नहीं की जाती है, इसलिए विस्तृत जानकारी नहीं दी जा सकती है।

चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*