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अब आपको इस नई तकनीकि से मिलेगी ट्रेनों की सही-सही लोकेशन

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show जल्द ही रेलवे में एक नई तकनीकि के जरिए ट्रेनों के विलंबित होने से यात्रियों को होने वाली परेशानी को दूर करने जा रहा है। इस तकनीकि के इस्तेमाल होने से अब यात्रियों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। अब ट्रेनों की स्थिति की जानकारी यात्रियों को आसानी से मिल जाएगी। रेलवे ने अपने इंजन को
 
अब आपको इस नई तकनीकि से मिलेगी ट्रेनों की सही-सही लोकेशन

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जल्द ही रेलवे में एक नई तकनीकि के जरिए ट्रेनों के विलंबित होने से यात्रियों को होने वाली परेशानी को दूर करने जा रहा है। इस तकनीकि के इस्तेमाल होने से अब यात्रियों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। अब ट्रेनों की स्थिति की जानकारी यात्रियों को आसानी से मिल जाएगी।

रेलवे ने अपने इंजन को इसरो के उपग्रह से जोड़ दिया है, इससे उपग्रहों से मिली जानकारी से ट्रेन के बारे में पता लगाना, उसके आगमन और प्रस्थान स्वत: दर्ज होना आसान हो गया है। पूर्व मध्य रेलवे में 172 लोकोमोटिव में रियल टाइम ट्रेन इंफारमेशन सिस्टम (आरटीआइएस) लगाया जा चुका है। सेटेलाइट के उपयोग से नई दिल्ली-गुवाहाटी व नई दिल्ली-मुंबई मार्ग पर प्रणाली का परीक्षण भी किया जा चुका है।

रियल टाइम ट्रेन इंफारमेशन सिस्टम लोको डिवाइस में यह प्रणाली ट्रेनों के आगमन व प्रस्थान सहित यात्रियों के उपयोग के लिए अन्य सूचनाएं उपलब्ध कराएगा। सूचना गगन रिसीवर से प्राप्त गति पर आधारित होगी। रियल टाइम ट्रेन इंफोरमेशन सिस्टम एप्लीकेशन अपडेट के साथ इन सूचनाओं को एसएमएस के साथ मोबाइल डाटा सेवा का उपयोग करते हुए सेंट्रल लोकेशन सर्वर (सीएलएस) को सूचित करेगा। सीएलएस प्राप्त आंकड़ों को कंट्रोल चार्ट की आटोमेटिक प्लाटिग के लिए सीधे कंट्रोल आफिस (सीओए) को प्रेषित करेगा। सीओएम नेशनल ट्रेन इंक्वायरी सिस्टम से जुड़ा हुआ है जिससे यात्रियों को ट्रेनों के संबंध में सटीक जानकारी प्राप्त होती है। एलएमसीएस साफ्टवेयर लोको डिवाइस की स्थिति में निगरानी के साथ ही कांफिगरेशन और अपेडटिग को सुनिश्चित करेगा। आरटीआइएस द्वारा लोको चालकों व कंट्रोल कार्यालय के मध्य आपस में संवाद भी स्थापित कर पाएंगे।

पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि नई प्रणाली से रेलवे को अपने नेटवर्क में ट्रेनों के संचालन के लिए अपने कंट्रोल रूप, रेलवे नेटवर्क को आधुनिक बनाने में मदद मिलेगी। इस कदम का मकसद ट्रेनों के परिचालन की सही सूचना में आगे सुधार लाना है। इंजन में आरटीआइएस युक्ति (डिवाइस) से इसरो द्वारा विकसित गगन जियो पोजीशनिग सिस्टम का इस्तेमाल करके ट्रेनों की चाल और लोकेशन के बारे में पता लगाया जाएगा।

 

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