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अब ग्राम पंचायत सचिवों को 10-10 बच्चों को लोगों को गोद दिलाने की जिम्मेदारी

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले में शासन की लाख कवायद के बावजूद राज्य पोषण मिशन जिले में परवान नहीं चढ़ रहा। जनपद में अभी भी 16 हजार लाल व पीला श्रेणी वाले बच्चे हैं। डीएम ने कुपोषित बच्चों को बीमारी से निजात दिलाने के लिए ग्राम पंचायत सचिवों को 10-10 बच्चों को लोगों को गोद दिलाने की जिम्मेदारी
 

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चंदौली जिले में शासन की लाख कवायद के बावजूद राज्य पोषण मिशन जिले में परवान नहीं चढ़ रहा। जनपद में अभी भी 16 हजार लाल व पीला श्रेणी वाले बच्चे हैं। डीएम ने कुपोषित बच्चों को बीमारी से निजात दिलाने के लिए ग्राम पंचायत सचिवों को 10-10 बच्चों को लोगों को गोद दिलाने की जिम्मेदारी सौंपी है। एक सप्ताह के अंदर गोद लेने वालों की सूची प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

जनपद में लाल व पीला श्रेणी के 16,000 बच्चे हैं। इसमें कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चे शामिल हैं। सर्वाधिक कुपोषित बच्चों की संख्या वाले गांव अधिकारियों को गोद दिए गए हैं। अधिकारियों को बच्चों में पुष्टाहार व दवाइयों के वितरण के साथ ही इलाज करवाकर कुपोषण से निजात दिलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। लेकिन यह पहल नाकाफी साबित हो रही। कुपोषण की जंग में सफलता को जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने ‘शिक्षित व सुपोषित’ चंदौली एप्लिकेशन की शुरूआत की है। इसके जरिये कुपोषण दूर भगाने में आमजन की सहभागिता भी सुनिश्चित की जा रही।

शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी, डाक्टर, समाजसेवी समेत आमजन आवेदन कर बच्चों की देखभाल व पालन-पोषण के लिए गोद ले सकते हैं। अब तक तकरीबन 100 लोग पोर्टल पर आवेदन कर चुके हैं, लेकिन आवेदन की रफ्तार काफी धीमी है। ऐसे में जिला प्रशासन ने ग्राम पंचायत सचिवों को आवेदन ढूंढने की जिम्मेदारी सौंपी है।

प्रत्येक सचिव को 10 लोगों को चयनित कर पोर्टल पर आवेदन कराना है। डीएम ने आवेदकों का चयन कर एक सप्ताह के अंदर सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।

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