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अघोरेश्वर महाविभूतिस्थल के प्रांगण में मनाया गया अघोरेश्वर भगवान राम का 28 वां महानिर्वाण दिवस

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले के पड़ाव क्षेत्र के गंगातट स्थित अघोरेश्वर महाविभूतिस्थल के प्रांगण में रविवार को अघोरेश्वर भगवान राम का 28 वां महानिर्वाण दिवस बाबा भगवान राम ट्रस्ट, श्रीसर्वेश्वरीसमूह व अघोर परिषद ट्रस्ट की ओर से मनाया गया। बाबा गुरुपद संभव राम के सान्निध्य व संस्था के पदाधिकारियों और आश्रम में निवास करने वाले श्रद्धालुओं की
 
अघोरेश्वर महाविभूतिस्थल के प्रांगण में मनाया गया अघोरेश्वर भगवान राम का 28 वां महानिर्वाण दिवस

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चंदौली जिले के पड़ाव क्षेत्र के गंगातट स्थित अघोरेश्वर महाविभूतिस्थल के प्रांगण में रविवार को अघोरेश्वर भगवान राम का 28 वां महानिर्वाण दिवस बाबा भगवान राम ट्रस्ट, श्रीसर्वेश्वरीसमूह व अघोर परिषद ट्रस्ट की ओर से मनाया गया। बाबा गुरुपद संभव राम के सान्निध्य व संस्था के पदाधिकारियों और आश्रम में निवास करने वाले श्रद्धालुओं की उपस्थिति में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हुए।

सुबह आठ बजे के लगभग संभव राम ने अघोरेश्वर महाप्रभु की समाधि में अवधूत भगवान राम के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरूआत की गयी । साथ ही पूजन कर आरती किया गया। इसके बाद पृथ्वीपाल ने सफलयोनि का पाठ किया। हवन के उपरांत लगभगपूर्वाह्न साढ़े 11 बजे परमपूज्य अघोरेश्वर भगवान राम की समाधि की पांच परिक्रमा करते हुए अघोरान्ना परो मन्त्र: नास्ति तत्त्वं गुरो: परम् का 24 घंटे के अखंडसंकीर्तन का शुभारंभ किया गया जिसका समापन सोमवार, 30 नवंबर को आरती व पूजन के साथ होगा।

वहीं जलीलपुर स्थित पूज्य मां सर्वेश्वरी सेवा संघ में भी अघोरेश्वर महाप्रभु भगवान राम का महानिर्वाण दिवस श्रद्धापूर्वक मनाया गया। आश्रमवासियों के बीच सामाजिक दूरी व कोरोना महामारी के बचाव से संबंधित गाइडलाइंस के अनुसार कार्यक्रम संपन्न हुए।

आश्रम के संचालक बाबा अनिल राम ने हवन-पूजन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थियां सिर्फ चंद लोगों की लापरवाही के कारण बनी हैं। इस लापरवाही में भाई-बहन, परिवार, समाज, मजदूर-मालिक को आपस में दुश्मन जैसा बना दिया है। लोगों के मन मे भ्रम, डर, अशांति जैसा माहौल बना हुआ है। ऐसी विषम परिस्थिति का मुक़ाबला सिर्फ सकारात्मक विचारों से ही किया जा सकता है। यह विचार गुरुजन, सज्जन व प्रेरणादायक मनुष्यों से ही प्राप्त हो सकता है। परम पूज्य अघोरेश्वर महाप्रभु के जीवन से भी यही प्रेरणा मिलती है। उन्होंने सभी को जीवन में सात्विक विचारों को स्थान देने और आने वाले कल के स्वागत के लिए तैयार रहने को कहा।

इस मौके पर प्रशांत तिवारी, डा. पीके सिंह, डा. आरके सिंह, बीएन सिंह, आनंद भैरव, सुनीता चौहान, संदीप, विनीत, डा. अशोक मिश्रा, मोतीलाल आदि उपस्थित थे।

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