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अपने पेट भरने के लिए जीव जंतुओं को हत्या करने वाला नरक में जाता है : जीयर स्वामी

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले के चहनिया क्षेत्र के कैथी स्थित गांव में गुरुवार को जीयर स्वामी के पहुचते ही ग्रामीणों ने स्वामी की जयकारे के साथ भव्य स्वागत किया । पहले दिन सन्त लक्ष्मी प्रपत्र जीयर स्वामी ने श्री मद कथा सुनाते हुए कहा कि जो व्यक्ति किसी स्त्री, बहन, शिष्या को वंचना करके, दिग्भ्रमित करके, गलत
 
अपने पेट भरने के लिए जीव जंतुओं को हत्या करने वाला नरक में जाता है : जीयर स्वामी

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चंदौली जिले के चहनिया क्षेत्र के कैथी स्थित गांव में गुरुवार को जीयर स्वामी के पहुचते ही ग्रामीणों ने स्वामी की जयकारे के साथ भव्य स्वागत किया । पहले दिन सन्त लक्ष्मी प्रपत्र जीयर स्वामी ने श्री मद कथा सुनाते हुए कहा कि जो व्यक्ति किसी स्त्री, बहन, शिष्या को वंचना करके, दिग्भ्रमित करके, गलत व्यवहार करता है। वह व्यक्ति मरकर अंध तामिस नामक नरक में जाता है। उसके शरीर को वृक्ष से पटककर यातना दी जाती है।

जो व्यक्ति अंहकार या ममतावश प्राणियों से, कुटुम्बियों से अकारण द्रोह करता है, सताता है, हनन करता है उसे मरकर रौरव नरक मिलता है। जो व्यक्ति अपने पेट भरने के लिए जीव जंतुओं की हत्या करता है उसे मरकर कुंभीपाक नर्क मिलता है। पत्नी से संबध जोड़ने वाले माता-पिता को त्यागीए मत। जिस माता ने नौ महीने दर्द सहकर, पालन पोषण करके जन्म दिया। जन्म देने के बाद खुद गीले वस्त्रों को पहन कर अपने पुत्र को सुखे वस्त्र में सुलाया। वह पुत्र बडा होकर सबसे पहले माता पिता को हों अलग करता है। पत्नी को मानिए परंतु जिसके कारण पत्नी से संबंध बना है। उस माता पिता को त्यागीए मत। अपमान मत करीए। ऐसे नास्तिक, माता-पिता संत, महात्मा, विद्वान, से जो द्रोह करता है वह मरकर कास सूत्र नरक में जाता है।

अपने पेट भरने के लिए जीव जंतुओं को हत्या करने वाला नरक में जाता है : जीयर स्वामी


सात्विक भोजन में तुलसी पत्र डाल कर भोजन करना चाहिए। जो ऋषियों के द्वारा बताए गए भोजन है वहीं सात्विक भोजन है। जो निषेध किया गया है वह राक्षसी भोजन है। शास्त्र में बताया गया है कि घर में जो भी सात्विक भोजन बने। उसमें तुलसी पत्र डाल करके ही भोजन करना चाहिए। परमात्मा की भक्ति व सदाचार के साथ रहने पर शनि की साढ़ेसाती भी कुछ नही बिगाड़ सकती है । सूर्य प्रत्यक्ष देवता हैं इन्हे रोज अर्ध्य देना चाहिए।

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