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चंदौली जिले में भी भूख, प्यास से मर रहे हैं बेजुबान जानवर, अफसर बता रहे बीमारी

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले के धानापुर विकास खंड के गुरेहुं गांव में बना अस्थायी पशु आश्रय स्थल पशुओं के लिए जानलेवा साबित हो रहा। यहां जो बेजुबान लाए जा रहे वे भूख, प्यास से मर रहे हैं। कोई दिन ऐसा नहीं जब एकाद बेजुबान न मर रहे हों। शनिवार को यहां 270 संख्या थी लेकिन बुधवार को
 

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चंदौली जिले के धानापुर विकास खंड के गुरेहुं गांव में बना अस्थायी पशु आश्रय स्थल पशुओं के लिए जानलेवा साबित हो रहा। यहां जो बेजुबान लाए जा रहे वे भूख, प्यास से मर रहे हैं। कोई दिन ऐसा नहीं जब एकाद बेजुबान न मर रहे हों। शनिवार को यहां 270 संख्या थी लेकिन बुधवार को घटकर 258 हो गई।

अब तो पशुपालन विभाग के अधिकारी जिन पशुओं को यहां ला रहे हैं उनका रिकार्ड ही मेंनटेन नहीं कर रहे हैं। व्यवस्था के नाम पर यहां कुछ नहीं है। बेजुबानों की देखभाल को तैनात किए गए सफाई कर्मचारियों से पशुओं की संख्या पूछा गया गया तो उनका कहना था रजिस्टर नोडल अधिकारी के पास है। एक पखवारा से यहां चारा की व्यवस्था नहीं है। हालांकि मंगलवार को रामनगर से 70 क्विंटल भूसा मंगाया गया लेकिन इस आश्रय स्थल का दुर्भाग्य कि यहां चारा रखने के लिए कोई स्थान ही नहीं है।

सरकार बेजुबानों की सुरक्षा को लेकर आए दिन अधिकारियों की चूड़ी कस रही लेकिन अधिकारी इतने लापरवाह कि उन्हें अपने ही कार्यों से फुरसत नहीं है। आए दिन इस आश्रय स्थल में बेजुबानों की मौत हो रही लेकिन कोई अधिकारी यहां पहुंच ही नहीं रहा।

नोडल अधिकारी पशु आश्रय स्थल सुरेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि बेजुबानों की देख रेख की व्यवस्था की जा रही है। आश्रय स्थल में चारा भी आ चुका है। कमजोर पशु बीमार होकर दम तोड़ रहे है। यहां की समस्या से उच्चाधिकारियों को अवगत रोज कराते हैं।

 

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