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देर से कोरोना की रिपोर्ट आने से बढ़ रहा मरीजों की जान का खतरा, आखिर क्यों हो रही है देरी..

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले में कोरोना की रिपोर्ट आने में विलंब हो रहा है। एक दिन में ली गई सैंपल रिपोर्ट पांचवें दिन पहुंच रही है। तब तक संक्रमण से अनजान संक्रमित दूसरों में भी इसे फैला रहे हैं। परिवार में यदि कोई एक व्यक्ति संक्रमित हुआ तो कई लोगों तक संक्रमण पहुंचना तय है। इससे चुनौती
 
देर से कोरोना की रिपोर्ट आने से बढ़ रहा मरीजों की जान का खतरा, आखिर क्यों हो रही है देरी..

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चंदौली जिले में कोरोना की रिपोर्ट आने में विलंब हो रहा है। एक दिन में ली गई सैंपल रिपोर्ट पांचवें दिन पहुंच रही है। तब तक संक्रमण से अनजान संक्रमित दूसरों में भी इसे फैला रहे हैं। परिवार में यदि कोई एक व्यक्ति संक्रमित हुआ तो कई लोगों तक संक्रमण पहुंचना तय है। इससे चुनौती और बढ़ गई है।

रिपोर्ट की वेटिग लोगों पर भारी पड़ने लगी है। यदि सैंपल की दूसरे दिन रिपोर्ट मिल जाए तो संक्रमितों को आइसोलेट करने और दवा-इलाज की व्यवस्था तत्काल कराई जा सकती है। इससे संक्रमण पर लगाम लगेगी। वहीं संक्रमितों की हालत गंभीर होने से पूर्व इलाज शुरू होने से उन्हें मौत के मुंह में जाने से बचाया जा सकता है।

जिले से कोरोना संदिग्ध मरीजों का सैंपल जांच के लिए बीएचयू स्थित लैब भेजा जाता है। यहां कई जिलों के सैंपल की जांच होती है। ऐसे में समय लग रहा है। सीएमओ कार्यालय के अधिकारियों व कर्मचारियों के अनुसार 14 अप्रैल को भेजी गई सैंपल रिपोर्ट 19 तारीख को मिली। अभी 15 से लेकर 19 तक के सैंपल की रिपोर्ट लंबित है।

दरअसल, लैब से सभी जिलों की नियमित रिपोर्ट जारी की जाती है। ऐसे में विलंब होता है। वैसे, जिले में रोजाना 250 से अधिक कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं। वहीं पिछले चार दिनों से तीन-चार लोगों की नियमित मौत हो रही है। इससे लोग सशंकित हो उठे हैं।

रिपोर्ट के इंतजार में जवाब देने लगे फेफड़े

जिले में कई ऐसे मामले हैं, जहां सैंपलिग कराने के बाद लोग रिपोर्ट का इंतजार करते रहे। इस दौरान घरेलू दवा खाकर सर्दी-जुकाम और बुखार को ठीक करने की कोशिश की लेकिन हालत गंभीर हुई तो अस्पताल में जांच कराई। चिकित्सकों ने बताया कि फेफड़े में घातक संक्रमण हो गया है। इसके बाद निजी अस्पतालों में भर्ती होना पड़ा। आक्सीजन सिलेंडर के सहारे उनकी सांसें चल रही हैं। वहीं अस्पताल पहुंचते-पहुंचते कई मरीजों ने पिछले दिनों दम तोड़ दिया।

समय से रिपोर्ट मिले तो संक्रमण को काबू करने में मदद

विशेषज्ञों की मानें तो यदि समय से जांच रिपोर्ट मिल जाए तो संक्रमण को काबू करने में काफी हद तक मदद मिलेगी। मसलन आज के सैंपल की रिपोर्ट कल मिल जाए तो संक्रमितों को चिह्नित कर उन्हें आइसोलेट किया जा सकेगा। उनकी हालत बिगड़ने से पहले ही दवा-इलाज शुरू हो जाएगा। ऐसे में उन्हें बचाना आसान होगा। वहीं दूसरों में भी संक्रमण नहीं फैलेगा।

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