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अब हर ब्लाक में बनायी जा रही है संवेदनशील व अतिसंवेदनशील बूथों की लिस्ट

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले में राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर फिलहाल अभी कोई तारीख तय नहीं की है, लेकिन जमीनी स्तर पर चुनावी तैयारियों को अंतिम रूप देने की हर संभव कोशिश की जा रही है। चंदौली जिले का जिला प्रशासन ने जिले व ब्लाकों के संवेदनशील व अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों
 
अब हर ब्लाक में बनायी जा रही है संवेदनशील व अतिसंवेदनशील बूथों की लिस्ट

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चंदौली जिले में राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर फिलहाल अभी कोई तारीख तय नहीं की है, लेकिन जमीनी स्तर पर चुनावी तैयारियों को अंतिम रूप देने की हर संभव कोशिश की जा रही है।

चंदौली जिले का जिला प्रशासन ने जिले व ब्लाकों के संवेदनशील व अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों को चिह्नित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसमें पिछले चुनाव के दौरान बूथों पर हुई घटनाओं को आधार मानते हुए संवेदनशील व अतिसंवेदनशील के रूप में दर्ज किया जाएगा। इसके बाद एक सप्ताह के अंदर ऐसे केंद्रों की सूची आयोग को भेजा जाएगा।

विभागीय लोगों की माने तो मार्च अथवा अप्रैल माह में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराए जा सकते हैं। हालांकि आयोग ने चुनाव संबंधी अन्य तैयारी पूर्ण करने का निर्देश दिया है। ऐसे में निर्वाचक नामावलियों के पुनरीक्षण के साथ ही मतदान केंद्रों के निर्धारण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

निर्वाचन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी जिले में संवेदशील व अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों के निर्धारण में जुट गए हैं। इसके लिए आयोग के मानक के अनुसार मतदाताओं की संख्या, पिछले चुनावों में हुई घटनाएं, बूथ कैप्चरिंग समेत अन्य बिंदुओं को आधार बनाया गया है। विभाग की ओर से एक सप्ताह के अंदर आयोग को रिपोर्ट भेज दी जाएगी।

दरअसल, पंचायत चुनाव में मतदाताओं को अपने पाले में करने की होड़ लगी रहती है। इसको लेकर प्रत्याशियों व उनके उम्मीदवारों के बीच बूथों पर भी कसमकश देखने को मिलती है। इससे अक्सर विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है। ऐसे में पहले से यदि तैयारी नहीं रहेगी तो मुश्किलें हो सकती हैं। इसको देखते हुए जिला प्रशासन संवेदनशील व अतिसंवेदनशील केंद्रों के निर्धारण में जुट गया है।

इस बारे में जानकारी देते हुए सहायक निर्वाचन अधिकारी (पंचस्थानी) कैलाश यादव ने बताया कि संवेदनशील व अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों को चिह्नित किया जा रहा है। एक सप्ताह में इसका निर्धारण कर रिपोर्ट उच्चाधिकारियों व आयोग को भेजी जाएगी।

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