RPF के रवि रंजन बने इस परिवार के लिए फरिश्ता, बचाई 6 की जान जानिए मामला
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चंदौली जिले में आरपीएफ जवान की सही समय पर नजर नहीं पड़ती तो एक परिवार मौत के घाट में उतर जाता ।
बताते चलें कि पंडित दीनदयाल जंक्शन और जीवनाथपुर के बीच रविवार की रात में एक परिवार पांच बच्चों के साथ रेल पटरी पर लेटे दंपति को गश्त कर रहे रेलवे सुरक्षा बल के जवान ने उस समय जान बचा ली जब कुछ ही समय में आरपीएफ की एक स्पेशल ट्रेन गुजरने वाली थी ।
इस मामले में समझा बुझाकर दंपति को वापस लाने का प्रयास जवान कर ही रहा था कि उसके पास से धड़ धड़ आती हुई स्पेशल ट्रेन गुजर गई और परिवार के लोग सन्न रह गए।
घरेलू कलह और आर्थिक तंगी के चलते पूरा परिवार आत्महत्या करने का कदम उठाने जा रहा था । यह मामला मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के चतुर्भुजपुर निवासी एक व्यक्ति पत्नी और पांच बच्चों के साथ खुदकुशी करने के लिए पीडीडीयू नगर और जीवनाथपुर के पास रेल पटरी पर लेट गया था। इसी दौरान गश्त कर रहे आरपीएफ जवान रवि रंजन की नजर परिवार पर पड़ गई। भाग कर मौके पर पहुंचा और परिवार को रेल पटरी से हटवाया। तभी सीआरपीएफ स्पेशल ट्रेन धड़धड़ाते हुए गुजर गई।
सोमवार को वरीय मंडल सुरक्षा आयुक्त आशीष मिश्रा ने मुगलसराय कोतवाली से संपर्क कर उक्त परिवार की पंचायत करा कर समझाने बुझाने के बाद उस परिवार को इस गलत फैसले को ना करने की रजामंदी पर उन्हें वापस परिवार में भेज दिया गया ।
ड्यूटी पर तैनात आरपीएफ कर्मी रवि रंजन उनके लिए फरिश्ता के रूप में स्वयं भगवान बनकर अचानक आ गया। रवि रंजन की वजह से आज परिवार की लोग अब तक जिंदा है। इसलिए कहा गया है कि जाको राखे साइयां मार सके ना को बैरन बांका कर सके जो जग बैरी होय यह कहावत इस आरपीएफ के जवान पर खूब बैठ रही है।
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