चंदौली जिला के चकिया तहसील के ज्यादातर किसानों को अभी तक धान क्रय केंद्र का पता नहीं है। जिससे अपनी उपज का धान बेचने के लिए किसान इन दिनों भटक रहे हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें खुले बाजारों में धान को औने पौने दाम पर बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है।
कहा जा रहा है कि एक तरफ सरकार किसानों की आमदनी दोगुना करने के लिए कटिबद्ध है। जिसके लिए कृषि नीति को लागू करने की बात कह रही है। वहीं 1 अक्टूबर से धान क्रय केंद्र खोले जाने का निर्देश भी दिया जा चुका है। जबकि नवंबर माह बीतने वाला है और अधिकतर किसानों का धान तैयार भी हो चुका है। मगर अभी तक किसानों को क्रय केंद्र के बारे में सही जानकारी ही नहीं मिल पाई है।
ऐसी स्थिति में क्षेत्रीय किसान अपनी उपज का धान बेचने को लेकर परेशान दिख रहे हैं, जबकि इन दिनों लग्न विवाह का दौर शुरू हो चुका है। शादी विवाह के मौसम के कारण पैसे की आवश्यकता को देखते हुए लाचार किसान क्रय केंद्र का पता न चलने के कारण खुले बाजार में धान को औने पौने दाम पर बेचने को मजबूर हो रहे हैं। अगर किसानों की समस्या पर तत्काल ध्यान नहीं दिया गया तो अन्य प्रांतों की तरह क्षेत्रीय किसान भी आत्महत्या करने को मजबूर हो सकते हैं।