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खबर का हुआ असर, जिला निर्वाचन कार्यालय (पंचायत एवं नगरीय निकाय) हुआ सील

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली समाचार की खबर का हुआ असर-जिला अधिकारी के निर्देश पर जिला निर्वाचन कार्यालय (पंचायत एवं नगरीय निकाय) को सील कर दिया गया । जिससे विभाग में हड़कंप मच गया है । बताते चलें कि लगातार सफाई कर्मी द्वारा वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने तथा नाम कटवाने के लिए पैसा लेने व तहसीलदार व सदर
 
खबर का हुआ असर, जिला निर्वाचन कार्यालय (पंचायत एवं नगरीय निकाय) हुआ सील

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चंदौली समाचार की खबर का हुआ असर-जिला अधिकारी के निर्देश पर जिला निर्वाचन कार्यालय (पंचायत एवं नगरीय निकाय) को सील कर दिया गया । जिससे विभाग में हड़कंप मच गया है ।

बताते चलें कि लगातार सफाई कर्मी द्वारा वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने तथा नाम कटवाने के लिए पैसा लेने व तहसीलदार व सदर एसडीएम को पैसा देने का आडियो वायरल होने की खबर को चंदौली समाचार के द्वारा प्रमुखता से प्रसारित किए जाने के बाद जिला अधिकारी संजीव सिंह ने मामले को संज्ञान में लेते हुए त्वरित कार्यवाही करते हुए सदर एसडीएम विजय नारायण सिंह को जिला निर्वाचन कार्यालय (पंचायत एवं नगरीय निकाय) को सील करने का आदेश दे दिया है।

इस दौरान कार्यालय पर जनप्रतिनिधियों का जमावड़ा लगा रहा और अधिकारियों के द्वारा पहुंचकर कार्यालय को सील कर आगे की कार्यवाही करने की बात कही गई ।

इस संबंध में सदर एसडीएम विजय नारायण सिंह ने बताया कि मामले में गड़बड़ी होने पर कार्यालय को प्रथम दृष्टया सील करने की कार्यवाही की जा रही है और दोषियों के खिलाफ जांच कर उच्चाधिकारियों के निर्देश पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।

इस संबंध में सहायक जिला निर्वाचन कार्यालय अधिकारी कैलाश नाथ यादव ने बताया कि यह ऑडियो जो वायरल हो रहा है इसमें तहसील के कर्मचारी व सफाई कर्मी शामिल है और उसमें एसडीएम व तहसीलदार को पैसा देने की बात की जा रही है । मामले की जांच उच्चाधिकारियों द्वारा की जा रही है और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही भी होगी।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने व काटने का कार्य तहसील के द्वारा ही किया जाता है जिसमे सबसे पहले बी.एल.ओ उसके बाद प्रवेक्षक तथा उपजिलाधिकारी और तहसीलदार के द्वारा सत्यापित करने के बाद ही नाम जोड़ने व काटने का कार्य किया जाता है

हमारे जिलानिर्वाचन के पोर्टल पर केवल संख्या ही प्रदर्शित होता है लेकिन उपजिलाधिकारी के पोर्टल पर नाम व संख्या दोनों दिखाई देता है। उपजिलाधिकारी और तहसीलदार के प्रमाणित करने के बाद ही कोई भी कार्य होता है ।

उप जिलाधिकारी द्वारा बाबू शैलेन्द्र सिंह के कार्यालय को सील कर दिया गया है क्योंकि इनके द्वारा ही वायरल हुए आडियो की बातो को बताया गया था। अब यह जांच का विषय है कि इसमें गड़बड़ी किसके द्वारा किया गया है ।

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