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स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी गरीब महिलाओं को 1.85 करोड़ रुपये का ऋण

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले में कौशल विकास मिशन के तहत स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी गरीब महिलाओं की मदद के लिए बैंक आगे आ रहे हैं। बैंकों की ओर से सीसीएल (कैश क्रेडिट लिमिट) के तहत जिले के 175 स्वयं सहायता समूहों को 1.85 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया है। इस पर बैंक सात फीसद ब्याज
 
स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी गरीब महिलाओं को 1.85 करोड़ रुपये का ऋण

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चंदौली जिले में कौशल विकास मिशन के तहत स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी गरीब महिलाओं की मदद के लिए बैंक आगे आ रहे हैं। बैंकों की ओर से सीसीएल (कैश क्रेडिट लिमिट) के तहत जिले के 175 स्वयं सहायता समूहों को 1.85 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया है। इस पर बैंक सात फीसद ब्याज लेंगे। हालांकि महिलाओं ने नियमित ऋण अदायगी की, तो ब्याज की तीन फीसद धनराशि लौटा दी जाएगी। जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में महिलाओं को चेक सौंपा। साथ ही आत्मनिर्भर बनने के लिए शुभकामनाएं दीं।

सरकार कोरोना काल में ग्रामीण महिलाओं के हित में तमाम योजनाएं संचालित कर रही है। लेकिन बैंकों के सहयोग के बिना स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय गतिविधियों से जोड़ने में परेशानी आ रही थी। जिलाधिकारी व विभागीय अधिकारियों की पहल के बाद बैंकों ने समूहों को ऋण प्रदान किया है। 232 समूहों के सीसीएल खाते भी खुलवाए गए हैं। बैंकों से मिली धनराशि से समूह की महिलाएं स्वरोजगार करेंगी। यदि कोई महिला सिलाई का काम कर रही है और उसके पास कम मशीनें हैं, तो सीसीएल खाते से पैसा लेकर जरूरत के मुताबिक सिलाई मशीन खरीद सकती है। इसके अलावा अन्य कार्य किए जा सकते हैं। हालांकि नियमानुसार ऋण व ब्याज की धनराशि जमा करानी होगी। समय से ऋण अदा करने पर तीन प्रतिशत ब्याज लौटा दिया जाएगा।

समूह की महिलाओं ने बताया कि गत वित्तीय वर्षों में सीसीएल के जरिए मिली धनराशि से सिलाई, अगरबत्ती, मास्क, बाती निर्माण व माला बनाने का काम कर रही हैं। इसकी प्रसिद्ध मंदिरों में आपूर्ति भी कर रही हैं। इससे अच्छी आय हो रही है। कुछ दीदियां ऋण लेकर कृषि, पशुपालन व आटो खरीदकर चलवाने का काम कर रही हैं। इससे उनकी गृहस्थी चल रही है। जिलाधिकारी ने महिलाओं के हौसले की सराहना की। बैंकों से समूहों की मदद की अपील की। बोले, कृषि प्रधान जनपद में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए बैंकों का सहयोग अपेक्षित है। इससे समूह की महिलाओं को वित्तीय गतिविधियों से जोड़ने में मदद मिलेगी।

सीडीओ डा. एके श्रीवास्तव, उपायुक्त स्वत: रोजगार एमपी चौबे, एलडीएम पीके झा, डीडीएम नाबार्ड तजुन सेन व अन्य मौजूद थे।

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