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राजपूत और दलित समाज के बीच खूनी संघर्ष में शरीफों को भी अपना निशाना बना रही है पुलिस

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले में चुनावी रंजिश के कारण धानापुर थाना क्षेत्र के आवाजापुर गांव में राजपूत और दलित समाज के बीच हुए खूनी संघर्ष में पुलिस शरीफ व्यक्तियों को भी अपना निशाना बना रही है। जिसका जीता जागता प्रमाण आवाजापुर गांव के निवासी एक सामाजिक कार्यकर्ता दुर्गेश सिंह है । आप को बता दे कि आवाजापुर
 
राजपूत और दलित समाज के बीच खूनी संघर्ष में शरीफों को भी अपना निशाना बना रही है पुलिस

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चंदौली जिले में चुनावी रंजिश के कारण धानापुर थाना क्षेत्र के आवाजापुर गांव में राजपूत और दलित समाज के बीच हुए खूनी संघर्ष में पुलिस शरीफ व्यक्तियों को भी अपना निशाना बना रही है। जिसका जीता जागता प्रमाण आवाजापुर गांव के निवासी एक सामाजिक कार्यकर्ता दुर्गेश सिंह है ।

आप को बता दे कि आवाजापुर गांव के निवासी एक सामाजिक कार्यकर्ता दुर्गेश सिंह को भी 151 के तहत पाबंद कर दिया गया है। गरीब बच्चों को शिक्षण कार्य में सहयोग करते हुए कॉपी किताब आदि मुहैया कराने वाले बेहद शांत व सुशील किस्म के व्यक्ति सच्चिदानंद उर्फ दुर्गेश सिंह को भी पुलिस ने गांव में हुए दो पक्षों के मारपीट में 151 के तहत पाबंद कर दिया है। जिससे आहत सामाजिक कार्यकर्ता ने वीडियो जारी कर न्याय की गुहार लगाई है।

इसके साथ ही जिन दलितों के ऊपर हमले के मामले में 151 के तहत पाबंद किया गया है उनके बच्चों को भी शिक्षण कार्य कराने में दुर्गेश सिंह लगातार सहयोग करते रहे है। यही नहीं गरीब बच्चों के शिक्षण के कार्य के लिए पूरी तरह से मदद करते रहते हैं।

बच्चों के शिक्षाटन के लिए सामाजिक कार्यकर्ता दुर्गेश सिंह भिक्षाटन करते हैं। उस दौरान भी उन्हें कई दुर्वाणियो से गुजरना पड़ता है, लेकिन बच्चों के शिक्षण कार्य के लिए लोगों के अनुचित शब्दों को भी सहर्ष स्वीकार कर लेते हैं। ऐसे व्यक्ति को मारपीट के मामले में अनावश्यक रूप से शामिल कर मानसिक उत्पीड़न करना दुर्भाग्यपूर्ण है। सामाजिक कार्यकर्ता ने जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।

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