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ईद-उल-अजहा का त्यौहार आज, जानिए क्यों व कैसे मनाते हैं त्यौहार

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show कहते हैं कि इस्लाम धर्म में ईद-उल-अजहा का विशेष महत्व है। इस्लामिक मान्यता के मुताबिक हजरत इब्राहिम ने अपने बेटे हजरत इस्माइल को इसी दिन खुदा की राह में कुर्बान किया था, जिसके बाद खुदा ने उनके जज्बे को देखकर उनके बेटे को नया जीवनदान दिया था। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार 12वें महीने की 10
 
ईद-उल-अजहा का त्यौहार आज, जानिए क्यों व कैसे मनाते हैं त्यौहार

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कहते हैं कि इस्लाम धर्म में ईद-उल-अजहा का विशेष महत्व है। इस्लामिक मान्यता के मुताबिक हजरत इब्राहिम ने अपने बेटे हजरत इस्माइल को इसी दिन खुदा की राह में कुर्बान किया था, जिसके बाद खुदा ने उनके जज्बे को देखकर उनके बेटे को नया जीवनदान दिया था।

इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार 12वें महीने की 10 तारीख को ईद उल अजहा का त्योहार मनाया जाता है। ईद उल फितर के करीब 70 दिनों के बाद यह त्योहार मनाया जाता है। मीठी ईद के बाद यह इस्लाम धर्म का प्रमुख त्योहार है।

ईद-उल-अजहा का त्यौहार आज, जानिए क्यों व कैसे मनाते हैं त्यौहार

कहा जाता है कि यह फर्ज-ए-कुर्बानी का दिन है। इस त्योहार पर गरीबों का विशेष ध्यान रखा जाता है। इस दिन कुर्बानी के बाद गोश्त के तीन हिस्से किए जाते हैं। इन तीन हिस्सों में खुद के लिए एक हिस्सा रखा जाता है, एक हिस्सा पड़ोसियों और रिश्तेदारों को बांटा जाता है और एक हिस्सा गरीब और जरूरतमंदों को बांट दिया जाता है।

ईद-उल-अजहा के जरिए पैगाम दिया जाता है कि अपने दिल की करीब चीज भी दूसरों की बेहतरी के लिए अल्लाह की राह में कुर्बान कर दी जाती है। इस त्योहार को हजरत इब्राहिम की कुर्बानी की याद में मनाया जाता है। इसके बाद अल्लाह के हुक्म के साथ इंसानों की जगह जानवरों की कुर्बानी देने का सिलसिला शुरू किया गया।

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