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जिला महिला चिकित्सालय में संस्थागत प्रसव की निःशुल्क सुविधा

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदोली जिले में पिछले वर्ष के लॉकडाउन से बढ़ते कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच सुरक्षित प्रसव व उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) के समुचित व्यवस्था के साथ प्रसव की सुविधा दी जा रही है। गर्भवती व नवजात की समुचित देखभाल के लिए जिला महिला चिकित्सालय (डीडीयू) मुगलसराय में इसकी निःशुल्क सुविधा मौजूद है। जिला
 
जिला महिला चिकित्सालय में संस्थागत प्रसव की निःशुल्क सुविधा

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चंदोली जिले में पिछले वर्ष के लॉकडाउन से बढ़ते कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच सुरक्षित प्रसव व उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) के समुचित व्यवस्था के साथ प्रसव की सुविधा दी जा रही है। गर्भवती व नवजात की समुचित देखभाल के लिए जिला महिला चिकित्सालय (डीडीयू) मुगलसराय में इसकी निःशुल्क सुविधा मौजूद है।

जिला महिला चिकित्सालय डीडीयू (मुगलसराय) प्रभारी चिकित्सा अधीक्षिका डॉ अनुरिता सचान ने बताया कि कोरोना के इस दौर में गर्भवती महिलाओं की समुचित जांच व प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा सुरक्षित रह सके । इसके लिए महिला चिकित्सा में कोविड प्रोटोकाल के नियम अनुसार सभी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। गर्भावस्था का पता चलते ही, गर्भवती महिलाएं स्वास्थ्य केंद्रों से सेवा लेनी शुरू कर दे, सभी प्रसव पूर्व जांचें कराये, समय से टीकाकरण कराएं व अपने पोषण पर ध्यान दें तो मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जा सकती है।

जिला महिला चिकित्सालय डीडीयू (मुगलसराय) की डॉ. महिमा नाथ ने बताया कि जिला महिला चिकित्सालय में अप्रैल 2020 से लेकर अब तक कुल 845 गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराया गया । जिसमें उच्च जोखिम गर्भावस्था के केस में सिजेरियन के माध्यम से 34 गर्भवती महिलाओं की जच्चा – बच्चा की सुरक्षा के लिए सुरक्षित प्रसव किया गया।

डॉ महिमा ने बताया कि गर्भवस्था का पता चलते ही अपने व बच्चे के प्रति बेहद सजग होने की जरूरत है। ऐसे में परिवार के लोगों को चाहिए कि अपने नजदीकी सेंटर पर प्रत्येक माह की नौ तारीख को गर्भवती महिलाओं की पूर्ण जांच के लिए कैंप का आयोजन किया जाता है जिसके माध्यम से जच्चा – बच्चा की स्थिति की जांच कर उचित इलाज मुहैया किया जा सकता है, जिससे किसी भी तरह की जोखिम का डर नहीं होता है । कोविड काल में किसी भी तरह की लापरवाही जच्चा – बच्चा की जान को जोखिम में डाल सकता है।

जिला परिवार नियोजन के विशेषज्ञ ने बताया कि हर माह की नौ तारीख को जिले के सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) दिवस का आयोजन होता है । जिसमें प्रसव पूर्व जांच व उच्च जोखिम गर्भावस्था की महिलाओं को चिन्हित कर स्वास्थ्य इकाई की देखरेख में रखा जाता है । पिछले साल के लॉक डाउन के दौरान से आज के बढ़ते कोरोना संक्रमण दौर में जिला महिला चिकित्सालय व समस्त स्वास्थ्य इकाइयों पर कोविड संक्रमण से बचाव को प्रमुखता देने के साथ , बेहतर सुविधा देते हुए जच्चा – बच्चा की जान की सुरक्षा को महत्व देते हुये जिले में सुरक्षित प्रसव करायी जा रही है ।

जिला महिला चिकित्सालय में संस्थागत प्रसव की निःशुल्क सुविधा

जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य इकाइयों पर अप्रैल माह 2020 से अब तक 57900 महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की गयी । साथ ही 2045 उच्च जोखिम गर्भवतीयों को उनके संबंधित केन्द्रों से उच्च संदर्भन संस्थान पर भेजकर उनका उपचार कराया गया । चिकित्सालय व स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सीय सुविधाएं नि: शुल्क दी जाती है।

पीएमएसएमए दिवस पर गर्भवती को ब्लड टेस्ट, यूरीन टेस्ट, ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन और अल्ट्रासाउंड जाँच की सुविधा निःशुल्क मुहैय्या कराई जाती है। जिन महिलाओं में तेज बुखार, दौरे पड़ने, उच्च रक्तचाप, योनि से स्राव, त्वचा के पीलापन, हाथ-पैरों में सूजन, योनि से रक्तस्राव, तेज सिरदर्द, धुंधला दिखने, भ्रूण के न हिलने या कम हिलने जैसी समस्याएं होने व उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) वाली महिलाओं को पहले ही चिन्हित कर परामर्श दे दिया जाता है । इसके साथ ही उन्हें चिन्हित कर लिया जाता है।

ऐसी महिलाओं का समय-समय पर फॉलोअप किया जाता हैं। उनके शरीर में खून का स्तर, तथा अन्य जटिलताओं की देखरेख कर जिला महिला चिकित्सालय पर समुचित इलाज के साथ प्रसव की सुविधा दी जाती है । जिससे जच्चा – बच्चा को जान माल का नुकसान न हो सके। इसलिए महीने की नौ तारीख को सभी गर्भवती को स्वास्थ्य केंद्रों पर अवश्य आना चाहिए।

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