शहाबगंज में नसबंदी शिविर लापरवाही चढ़ा भेट, हुआ हंगामा
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चंदौली जिला के शहाबगंज स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर भारत सरकार का राष्ट्रीय कार्यक्रम नसबंदी शिविर हंगामे की भेंट चढ़ गया। नसबंदी कराने आई महिलाओं को ऑपरेशन के लिए अपनी जेब ढीली करनी पड़ी। वहीं ओपीडी मे आने जाने के लिए स्ट्रेचर तक नसीब नहीं हुआ। नसबंदी शिविर में परिजनों की गोद महिला मरीजों का स्ट्रेचर बना रहा l
नसबंदी कराने आई बेबी, ममता, नीतू, सहित दर्जनों महिलाओ ने कहा कि यहाँ पूरे दिन असुविधाओं का सामना करना पड़ा उससे नसबंदी के प्रति जागरूकता बढ़ना तो दूर बल्कि लोग नसबंदी कराने से ही कतराने लगेंगे।महिलाओं को ऑपरेशन कराने के बाद दो हजार रुपए की दवाएं बाहर की दुकानों से खरीदनी पड़ी ।अस्पताल में अव्यवस्थाओं और संवेदनहीनता का स्तर ये था कि महिलाओं को गोद में उठा कर बाहर लेटाना पड़ा।
बता दें कि शिविर की व्यवस्था इसलिए की जाती है ताकि लोगों को नसबंदी के लिए जागरूक किया जा सके और उन्हें इसकी सुविधा नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध हो सके। लेकिन प्रशासन में बैठे संवेदनहीन लोग इन शिविरों के औचित्य पर ही सवाल खड़ा कर जाते हैं। शिकायत पर पहुंचे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मंडल प्रबंधक अरविंद कुमार श्रीवास्तव ने मौके पर आकर सभी मरीजों से बाहर से लिखी दवा की पर्ची तलब की तथा दुर्व्यवस्था पर संबंधित को फटकार लगाते हुए मंडलायुक्त को रिपोर्ट से अवगत कराने की बात कही।
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