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व्हाट्सएप्प को टक्कर देगा भारत मैसेंजर,ऐसे है इसके फीचर्स

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली। आज हर हाथ में स्मार्टफोन है। छोटा सा ये डिवाइस आज इंसान की सबसे बड़ी जरूरत बन चुका है। सुबह सोकर उठने से रात को सोने तक मोबाइल फोन ही वो पहली और आखिरी चीज है जिसे व्यक्ति सबसे पहले और सबसे आखिरी में अपने हाथ में लेता है। यहाँ उन्होंने एक ऐसा एप
 
व्हाट्सएप्प को टक्कर देगा भारत मैसेंजर,ऐसे है इसके  फीचर्स

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चंदौली। आज हर हाथ में स्‍मार्टफोन है। छोटा सा ये डि‍वाइस आज इंसान की सबसे बड़ी जरूरत बन चुका है। सुबह सोकर उठने से रात को सोने तक मोबाइल फोन ही वो पहली और आखि‍री चीज है जि‍से व्‍यक्‍ति‍ सबसे पहले और सबसे आखि‍री में अपने हाथ में लेता है।

यहाँ उन्होंने एक ऐसा एप तैयार किया है जिससे आप अपने किसी भी फ़ाइल को आसानी से एंड यूजर तक भेज सकते हैं अपितु आप इस मैसेजिंग एप्प से पूरी सिक्योरिटी के साथ किसी से बात कर सकते हैं और वौइस् और वीडियो कॉल कर सकते हैं । मृत्युंजय सिंह ने एप्प का नाम #भारत_मैसेंजर दिया है जो प्ले स्टोर से आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है

मृत्युंजय सिंह ने बताया कि उन्होंने 22 मार्च जिस दिन लॉकडाउन लगा उसी दिन से एप्प पर काम करना स्टार्ट कर दिया और 1 महीने से भी कम समय मे उन्होंने इस एप्प को बनाया और प्ले स्टोर में लांच करते ही ये एप्प 10 लाख से ज्यादा लोगों ने इसे डाउनलोड किया और लगभग 7000 लोगों ने अपना रिव्यू दिया । उन्होंने बताया कि मैंने इस एप्प का नाम भारत मैसेंजर इसलिए रखा है ताकि स्वदेशी को बढ़ावा मिले और इससे प्रेरित होकर और दूसरे सॉफ्टवेयर इंजीनियर भी स्वदेशी एप्प बनाये ।

इस एप्प में मैसेजिंग करने का तरीका काफी दिलचस्प होगा जैसे कि आप आसानी से चैटिंग के दौरान आप अपना बैकग्राउंड चेंज कर सकते हैं काफी इनोवेटिव इमोजी का यूज कर सकते हैं और साथ ही साथ आप ये सेट कर सकते हैं कि चैटिंग करने के 30 सेकंड के बाद आपका मैसेज ऑटोमेटिक डिलेट हो जायेगा । जिससे आपका चैटिंग सेक्यूर रहेगा। ये फ़ीचर यूजर को काफी पसंद आने वाला है ।

मृत्युंजय सिंह ने बताया कि सेफ्टी और सिक्योरिटी के उद्देश्य से इस एप्प में 2 स्टेप वेरिफिकेशन, पिन कोड लॉक और एन्ड तो एन्ड इन्क्रिपसन दिया गया है जिससे यूजर का डाटा हैकिंग अटैक से सुरक्षित रहे ।

मृत्युंजय ने बताया कि ‘कक्षा 9 में मैंने अपना खुद का एक गेम डेवलप किया था उसके बाद ही पिता जी ने मुझपर भरोसा दिखाया। मैंने आधी हैकिंग की टेक्निक इंटरनेट से सीखी। उसके बाद छत्तीसगढ़ के रायपुर में मैंने साइबर सिक्योरिटी और इथिकल हैकिंग की पढ़ाई की। उसके बाद रायपुर, भिलाई, दुर्ग, जगदलपुर, बीजपुर पुलिस कंट्रोल रूम पर साइबर सिक्योरिटी के लिए मैंने कार्य किया।

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