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महाअष्टमी, नवमी तथा विजयदशमी का यह है मुहूर्त व दिन, नहीं होना चाहिए भ्रम

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show पंडित रामचंद्र शुक्ल के अनुसार शनिवार को महाअष्टमी और नवमी का पर्व तथा विजयदशमी रविवार को मनाई जाएगी। नवरात्रि के पर्व की तिथियों को लेकर कुछ लोगों में भ्रम उत्पन्न हो गया है, जिसको जानना बहुत जरूरी है । इस समस्या को दूर करते हुए पंडित डॉक्टर रामचंद्र शुक्ला अष्टमी नवमी की तिथि को समय
 
महाअष्टमी, नवमी तथा विजयदशमी का यह है मुहूर्त व दिन, नहीं होना चाहिए भ्रम

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पंडित रामचंद्र शुक्ल के अनुसार शनिवार को महाअष्टमी और नवमी का पर्व तथा विजयदशमी रविवार को मनाई जाएगी। नवरात्रि के पर्व की तिथियों को लेकर कुछ लोगों में भ्रम उत्पन्न हो गया है, जिसको जानना बहुत जरूरी है ।

इस समस्या को दूर करते हुए पंडित डॉक्टर रामचंद्र शुक्ला अष्टमी नवमी की तिथि को समय बार वर्णन कर तिथियों का मान रखने का लोगों से अपील की।

बताते चलें कि महा अष्टमी का व्रत एवं नवमी की तिथि 24 अक्टूबर 2020 को संयुक्त रूप से एक ही दिन संपन्न होगा। जिसमें नवरात्रि की अष्टमी शुक्रवार 23 अक्टूबर 2020 को 12:10 के उपरांत अष्टमी लग रही है ,तथा अगले दिन शनिवार को अगले दिन एक 11:28 तक अष्टमी रहेगी । शनिवार को 11:29 के बाद महा नवमी का पर्व प्रारंभ होगा इसलिए शनिवार के दिन ही अष्टमी और नवमी दोनों पर्व का मान रखा गया है।

यह पर्व का शुभ योग है अष्टमी व्रत एवं अन्नपूर्णा प्रतिमा तथा नवमी का मान व व्रत शनिवार को ही मान्य होगा तथा 2510 2020 दिन रविवार को 11:14 के बाद नवरात्र व्रत का पारण भी किया जा सकता है इस प्रातः नवमी तिथि में हवन आदि के शुभ कार्य भी किए जाएंगे। सत्ता 25 10 2000 20 को दिन दिन रविवार को दोपहर के बाद यह दशमी का पर्व मनाया जाएगा और शुभ मुहूर्त भी है ।

यद्यपि नवमी तिथि होने के कारण सोमवार तक 26 अगस्त 2020 को ही 11:30 तक लेकिन दोपहर के बाद ही दसवीं का मान्य होता है । इसलिए विजयदशमी का पर्व रविवार को शाम के समय ही मनाया जाएगा। जैसा कि ऋषिकेश पंचांग में स्पष्टीकरण और पाश्चात्य निर्णय के आधार पर निर्धारित है।

यदि इसको पौराणिक दृष्टि से देखा जाए तो नवमी और दशमी का महायोग भी अपने में महा शुभ माना जाता है जो कि बरसों के बाद ऐसे शुभ मुहूर्त की प्राप्ति हुई है।

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