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चंदौली में पंचायतों को फ्री में बांटा गया है थर्मल स्कैनर एवं पल्स ऑक्सीमीटर, नहीं होगी जांच, धरना भी हुआ खत्म

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले में थर्मल स्कैनर एवं पल्स ऑक्सीमीटर को लेकर चली आ रही घोटाले की बात को लेकर सपा के राष्ट्रीय सचिव एवं सैयदराजा के पूर्व विधायक मनोज सिंह W के द्वारा दिया जा रहा धरना आज तब समाप्त हो गया जब एडीओ पंचायत बरहनी के द्वारा यह बताया गया कि यह दोनों मशीनें बिना
 
चंदौली में पंचायतों को फ्री में बांटा गया है थर्मल स्कैनर एवं पल्स ऑक्सीमीटर, नहीं होगी जांच, धरना भी हुआ खत्म

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चंदौली जिले में थर्मल स्कैनर एवं पल्स ऑक्सीमीटर को लेकर चली आ रही घोटाले की बात को लेकर सपा के राष्ट्रीय सचिव एवं सैयदराजा के पूर्व विधायक मनोज सिंह W के द्वारा दिया जा रहा धरना आज तब समाप्त हो गया जब एडीओ पंचायत बरहनी के द्वारा यह बताया गया कि यह दोनों मशीनें बिना किसी मूल्य के वितरित की गयी हैं और इसको लेकर कोई भुगतान न तो किया गया है और न ही भविष्य में किया जाएगा।

बताते चलें कि 3 दिन से चल रहे लगातार धरना प्रदर्शन करके सपा के राष्ट्रीय सचिव एवं सैयदराजा के पूर्व विधायक मनोज सिंह W ने जिले में आपदा को अवसर बनाकर लाखों की हेराफेरी करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे। आज एडीओ पंचायत एवं सैयदराजा कोतवाल के सामने हुई बातचीत व मीडिया के सामने दिए गए बयान के बाद यह धरना खत्म हो गया।

एडीओ पंचायत बरहनी के रूप में काम कर रहे अरबिन्द कुमार सिंह ने बताया गया कि यह थर्मल स्कैनर एवं पल्स ऑक्सीमीटर तीन व्यक्तियों द्वारा गांव में वितरित करने के लिए हमारे पास लाया गया था, जिसका कोई भी मूल्य नहीं निर्धारित नहीं है और ना ही अब तक इस सामान को देने वाली किसी फार्म का ही कोई अता पता है। जिले में फैली कोरोना महामारी में इन थर्मल स्कैनर एवं पल्स ऑक्सीमीटर की जरूरत को देखते हुए थर्मल स्कैनर एवं पल्स ऑक्सीमीटर को गांव में निशुल्क वितरित कर दिया गया है।

 

जब इस बात को धरना दे रहे सपा के राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व विधायक सैयदराजा मनोज सिंह डब्लू को बताते हुए निशुल्क वितरित सामान की जांच कराने की कोई जरूरत नहीं है। इसी भरोसे पर धरने को वहीं समाप्त करने का फैसला किया गया है। पूर्व विधायक समाप्त करते हुए सबको यह भी चेतावनी भी दी कि यदि इसका कोई मूल्य लिया जाएगा तो इसका खामियाजा डीपीआरओ व एडीओ पंचायत को भुगतना पड़ेगा । चाहे उसके लिए दोनों लोगो के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही क्यों न करना पड़े।

भलेही एडीओ पंचायत द्वारा दिया गया आश्वासन नेता जी के गले उतर गया हो और उन्होंने धरना खत्म कर दिया हो अब बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि जब सारा माल फ्री का था तो पंचायत विभाग के मंडलीय अधिकारी ने पत्र क्यों लिखा और जिलाधिकारी द्वारा जांच टीम व 10 दिन जांच पूरी करने की बात क्यों कही गयी।

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