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आज से शुरू हो गयी मां आदिशक्ति की आराधना

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show वासंतिक नवरात्र आज से आरंभ हो गया है । पहले दिन मां आदिशक्ति के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना की गयी । इसे लेकर देवी मंदिरों में रंगाई-पोताई और साफ-सफाई का कार्य एक दि पहले ही पूरा कर लिया गया था । पूजन सामग्री की दुकानों पर भी सोमवार को महिलाओं ने खरीदारी
 
आज से शुरू हो गयी मां आदिशक्ति की आराधना

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वासंतिक नवरात्र आज से आरंभ हो गया है । पहले दिन मां आदिशक्ति के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना की गयी । इसे लेकर देवी मंदिरों में रंगाई-पोताई और साफ-सफाई का कार्य एक दि पहले ही पूरा कर लिया गया था । पूजन सामग्री की दुकानों पर भी सोमवार को महिलाओं ने खरीदारी की। देवी मंदिरों में आज ब्रह्ममुहूर्त में पट खुलने के साथ ही दर्शन पूजन शुरू हो गया । नौ दिन तक मंदिर से लेकर घरों में आदिशक्ति की उपासना की जाती है ।

चैत्र नवरात्रि में आज से चैत्र मास शुक्ल पक्ष प्रतिपदा हिन्दू नववर्ष 2078 भी शुरू हो गया है । इस बार की नवरात्रि में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के चलते बड़े आयोजन नहीं हो पा रहे है । देवी मंदिरों में भी श्रद्धालुओं को मास्क पहनकर और सोशल डिस्टेंस के साथ दर्शन पूजन करने की अनुमति दी जा रही है ।वहीं लोग अपने घरों में व्रत, पूजा-पाठ आदि आयोजन कर रहे है । पूजा स्थल पर कलश की स्थापना कर विधि विधान से व्रत रखकर मां दुर्गा की उपासना की जा रही है ।

पुरोहित संतोष तिवारी व पंडित त्रिपुरारी मिश्रा ने बताया कि चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हिन्दू नववर्ष के पहले महीने चैत्र के प्रथम दिन से होती है। इस दौरान देवी के नौ रूपों की उपासना की जाती है। नवरात्रि पर मां दुर्गा के नौ रुपों के दर्शन व अराधना की जाती है। आज मां के प्रथम रूप की पूजा की गयी। मां के प्रथम रूप को “माता शैलपुत्री” के नाम से जाना जाता है। मां शैलपुत्री के दाएं हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में मां ने कमल धारण है। मां का वाहन बैल है। इसलिए मां शैलपुत्री को वृषभारूढा के नाम से भी जाना जाता है। इस बार भी नवरात्रि में अत्यंत शुभ फल देने वाले योग बन रहे हैं। मां इस बार घोड़े पर सवार होकर आएंगी और नर वाहन पर विदाई होगी। देवी मां की विधि विधान से उपासना करने से पुनीत फल मिलेगा।

चैत्र नवरात्रि के पहले दीं ही शहर के देवी मंदिरों के अलावा चकिया, सकलडीहा, चंदौली, चहनियां, नौगढ़, सैयदराजा आदि जगहों पर प्राचीन देवी मंदिर में दर्शन पूजन को अपार भीड़ उमड़नी शुरू हो गयी है।

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