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कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ, नवजात का रखें खास ख्याल

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show कोरोना की वजह से लोगों को लम्बे समय तक बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उस मुश्किल समय से गुजर कर आज बहुत से नवजात के चेहरे की मुस्कान को देखकर उनके माता-पिता निहाल हो उठते हैं । इसका प्रमुख कारण यह रहा कि कोरोना काल में लगे लॉकडाउन के दौरान गर्भवती ने
 
कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ, नवजात का रखें खास ख्याल

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कोरोना की वजह से लोगों को लम्बे समय तक बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उस मुश्किल समय से गुजर कर आज बहुत से नवजात के चेहरे की मुस्कान को देखकर उनके माता-पिता निहाल हो उठते हैं । इसका प्रमुख कारण यह रहा कि कोरोना काल में लगे लॉकडाउन के दौरान गर्भवती ने अपने खानपान पर विशेष ध्यान देने के साथ ही जरूरी सावधानी को भी अपनाया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आर के मिश्रा ने बताया कि लॉकडाउन दौरान से ही गर्भवती व नवजात शिशुओं की देखरेख के लिए आशा, एएनएम के द्वारा घर-घर सर्वे के माध्यम से टीकाकरण के साथ ही पोषण की सलाह समय-समय पर दी गयी और आज भी दी जा रही है। गर्भवती व शिशु के बेहतर स्वास्थ्य और उन्हें जागरूक करने के लिए बहुत सी योजनाएं चलायी जा रही हैं, जिसके परिणाम स्वरूप जनपद में कोविड काल से अब तक मातृ और शिशु मृत्यु दर में पिछले साल 2020 के जुलाई,अगस्त और सितंबर माह में कमी आई है।

उन्होंने बताया कि एक लाख प्रसव पर गणना की जाती है। वर्तमान में शिशु मृत्यु दर में 58% और मातृ मृत्यु दर में 98% की कमी आई है।

जिला कम्यूनिटी प्रोसेस प्रबन्धक (डीसीपीएम ) सुधीर कुमार राय का कहना है कि इस बीच कोरोना को लेकर लोगों में सावधानी बरतने में कमी देखी जा रही है, जो कि बहुत ही चिंता का विषय है। कारण स्पष्ट है कि कोविड वैक्सीन आ गई है, लेकिन कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। इसके लिए जन समुदाय को सजग रहना होगा, वैक्सीन आई है लेकिन बीमारी अभी है। लॉकडाउन के दौरान सेहतमंद शिशु के लिए माताओं ने पहले से पोषण युक्त आहार व भरपूर विटामिन्स लेने के लिए जागरूक किया गया। हरी सब्जियां, साग तथा मौसमी फल आदि की जानकारी आशा व संगिनी द्वारा दिया गया।

नवजात को कोविड 19 से बचाने के लिए सबसे बेहतर तरीका ‘शारीरिक दूरी’ का पालन करना बहुत जरूरी है। अगर आप अपने शिशु को सभी को दिखाने या सबसे मिलाने के लिए उत्साहित हैं तो इसके लिए आप सोशल मीडिया वीडियो कॉलिंग एप का सहारा ले सकते हैं। जो लोग घर में पहले से मौजूद हैं, उन्हें अच्छे से हाथ धोने और साफ सफाई के बाद ही शिशु को छूने दें। अगर घर में ही किसी में कोविड 19 के लक्षण नजर आ रहे हैं तो उसे बच्चे और परिवार से थोड़ा दूर रखें। उसे क्वारंटाइन भी कर सकते हैं। बच्चे को बाहर ले जाने से परहेज करें ताकि वह किसी भी तरह से वायरस के संपर्क में ना आए।

महिला चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धानापुर डॉ अमृता का कहना है कि नवजात शिशु के लिए मां का स्तनपान जरूरी होता है, हालांकि कोरोना वायरस श्वसन बूंदों जरिए फैलता है। इसलिए स्तनपान के दौरान मां से उसके बच्चे में आसानी से प्रेषित हो सकता है। सर्दी के मौसम में सर्दी खांसी होना आम बात हैं लेकिन कोविड के दौरान माताओं को विशेष सावधानी बरतनी होगी।

माताओं को बच्चे को स्तनपान कराते वक्त इस बात का विशेष ख्याल रखना चाहिए कि यह श्वसन बूंदों के जरिए शिशु में न फैले, ऐसे में बच्चे को छूने से पहले हाथ धोना और स्तनपान करते समय फेस मास्क पहनना जैसे एहतियात बरतना बेहद जरूरी है। अगर मां शिशु को स्तनपान करा रही हैं या हाथ से दूध निकाल रही है हिस्सों को छूने से पहले अपने हाथों को साबुन से धोना चाहिए। अगर मां पूरी तरह स्वस्थ है तो भी बेहद सावधानी के साथ ही शिशु को स्तनपान कराये।

साथ ही शिशु में कोई भी समस्या हो तो तुरंत नजदीकी डॉक्टर को दिखाये, बिना किसी डॉक्टर के परामर्श के शिशु को दवा बिल्कुल न दें।

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