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CMO साहब हमारे PHC में कब मिलेंगे डॉक्टर साहब, कैसे होगा इलाज..!

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले के इलिया कस्बा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की चिकित्सा व्यवस्था बेपटरी हो गई है। ओपीडी के समय चिकित्सक कक्ष खाली रहता है। यहां कुर्सियां ही अस्पताल का शोभा बढ़ाती रहती हैं। अस्पताल से अक्सर डॉक्टर,फार्मासिस्ट तथा एएनएम गायब रहते हैं। मात्र एक वार्ड ब्बॉय के सहारे पूरे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को चलाया जा
 
CMO साहब हमारे PHC में कब मिलेंगे डॉक्टर साहब, कैसे होगा इलाज..!

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चंदौली जिले के इलिया कस्बा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की चिकित्सा व्यवस्था बेपटरी हो गई है। ओपीडी के समय चिकित्सक कक्ष खाली रहता है। यहां कुर्सियां ही अस्पताल का शोभा बढ़ाती रहती हैं। अस्पताल से अक्सर डॉक्टर,फार्मासिस्ट तथा एएनएम गायब रहते हैं। मात्र एक वार्ड ब्बॉय के सहारे पूरे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को चलाया जा रहा है। वर्षों से यही स्थिति इस स्वास्थ्य केंद्र की रहने के बाद भी मुख्य चिकित्सा अधिकारी का ध्यान इस चिकित्सालय के तरफ कभी भी नहीं पड़ा है। जिससे इस पिछड़े क्षेत्र के मरीजों को इलाज के लिए दर-दर भटकने को मजबूर होना पड़ता है। अस्पताल पर आने वाली मरीज बस यही कहते हैं कि कब मिलेंगे डॉक्टर साहब और कैसे होगा इलाज। जबकि साल बीत जा रहा हैं, इनकी फरियाद को सुनने वाला कोई नहीं मिल रहा है।

दरअसल बिहार प्रांत की सीमा से लगा इलिया कस्बा का इलाका अति पिछड़ा हुआ है। ग्रामीणों को स्वास्थ्य की सुविधा सुलभ करने के लिए लाखों रुपए की लागत से कस्बा में नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना की गई है। जबकि चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों की मनमानी से स्वास्थ्य केंद्र का स्थापना अपने मूल उद्देश्य से भटक गया है। कहने को तो यहां दो शैय्या युक्त चिकित्सालय है। जिसमें एक मेडिकल ऑफिसर, एक फार्मासिस्ट और एक वार्ड ब्बॉय के साथ दो एएनएम की तैनाती की गई है। मगर सुबह 8 बजे से अपराहन 2 बजे तक संचालित होने वाले ओपीडी के वक्त स्वास्थ्य केंद्र पर मात्र एक वार्ड ब्बॉय ही मौजूद रहता है।

यहां पर चिकित्सक को रहने के लिए आवासीय सुविधा भी प्रदान की गई है, जिससे इमरजेंसी में आने वाले मरीजों का इलाज किया जा सके। चिकित्सक के ना रहने की स्थिति में मरीजों का इलाज या तो वार्ड ब्बॉय करें या उन्हें वापस लौटना पड़े। इसी बीच प्रसव पीड़ा से कराती महिला स्वास्थ्य केंद्र पर आती है तो उसे मेडिकल अफसर व एएनएम के अनुपस्थित रहने के कारण वापस जाने को मजबूर होना पड़ता है तथा उसे निजी अस्पतालों का शरण लेने को विवश होना पड़ता है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी से इस बाबत पूछे जाने पर उनका कहना है कि इलिया स्वास्थ्य केन्द्र के बारे में कोई जानकारी प्राप्त नहीं है। यदि चिकित्सक व स्टाफ अस्पताल ड्यूटी से गायब रहते हैं तो जांच कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। अब देखना है कि सीएमओ महोदय ऐसे लापरवाह अफसर व स्टाफ के विरुद्ध कब तक कार्रवाई करते हैं।

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