जिले का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टलMovie prime

काशी विद्यापीठ से जुड़े कॉलेजों में नहीं होगी परीक्षा, पास हो जाएंगे सारे छात्र-छात्राएं

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show कोरोना संक्रमण के कारण शासन के आदेश पर राज्य विश्वविद्यालयों में परीक्षाओं का आयोजन नहीं होगा। सभी विद्यार्थियों को प्रोन्नत किया जाएगा। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की बात करें तो करीब चार लाख से ज्यादा विद्यार्थियों को इसका लाभ मिलेगा। वहीं छात्रनेताओं ने शासन के इस कदम की सराहना की है।
 
काशी विद्यापीठ से जुड़े कॉलेजों में नहीं होगी परीक्षा, पास हो जाएंगे सारे छात्र-छात्राएं

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show

कोरोना संक्रमण के कारण शासन के आदेश पर राज्य विश्वविद्यालयों में परीक्षाओं का आयोजन नहीं होगा। सभी विद्यार्थियों को प्रोन्नत किया जाएगा। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की बात करें तो करीब चार लाख से ज्यादा विद्यार्थियों को इसका लाभ मिलेगा। वहीं छात्रनेताओं ने शासन के इस कदम की सराहना की है।

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में वाराणसी, चंदौली, सोनभद्र, मिर्जापुर, भदोही में संबद्ध महाविद्यालयों की संख्या 338 है। पांचों जिलों में विद्यार्थियों की संख्या तीन लाख से अधिक है। काशी विद्यापीठ में परीक्षाएं शुरू हो चुकी थीं लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण उन्हें बीच में ही रोकना पड़ा था।

  • अगली कक्षा में प्रोन्नत होंगे पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 4.75 लाख विद्यार्थी, नहीं होगी परीक्षा 
  • वहीं संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की परीक्षाएं अभी आरंभ नहीं हुई थीं हालांकि विश्वविद्यालय ने 14 जून से प्रस्तावित तिथि घोषित की थी लेकिन उसे बाद में रद्द कर दिया गया।

संस्कृत विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों का प्रसार देश भर में है। बात करें छात्रों की संख्या की तो यह लगभग 50 हजार से ज्यादा हैं।

बताते चले कि मेरठ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एनके तनेजा की अध्यक्षता में गठित समिति ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में यह कहा गया है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए परीक्षाएं कराना असंभव है। ऐसे में विद्यार्थियों को प्रमोट करने का सुझाव दिया गया है। काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. टीएन सिंह ने बताया कि अभी शासनादेश नहीं प्राप्त हुआ है।

शासनादेश के अनुसार ही निर्णय होगा। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजाराम शुक्ल का कहना है कि शासन की तरफ से जो भी आदेश प्राप्त होगा उसका पालन किया जाएगा। स्वागतयोग्य और छात्रहित में है निर्णय छात्रनेताओं ने शासन के इस निर्णय पर खुशी जताई है।

काशी विद्यापीठ के छात्रसंघ अध्यक्ष संदीप यादव, महामंत्री ऋषभ पांडेय, मोहित सिंह पूर्व महामंत्री दिग्वंत पांडेय, हरिश्चंद्र महाविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष नागेश्वर प्रसाद चौरसिया, अमन श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए शासन का निर्णय सराहनीय है। हम लोगों ने विश्वविद्यालय प्रशासन और शासन से भी छात्रों को बिना परीक्षा प्रमोट करने की मांग की थी।

महाविद्यालयों में तो ऑनलाइन कक्षाएं तो शुरू भी नहीं हो सकी थीं। कोर्स भी पूरा नहीं हुआ था। छात्र परीक्षा कैसे देते। वहीं संक्रमण फैलने का खतरा भी बना हुआ था। ऐसे में छात्रों को प्रमोट करने का फैसला स्वागतयोग्य और छात्रहित में है।

चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*