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सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने में शानदार काम के लिए तहसीलदार चकिया की हो रही तारीफ

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिला के शहाबगंज थाना के तियरा गांव में दो संप्रदायों के इस्तेमाल में आने वाली बंजर भूमि पर गांव के दबंगों द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर दीवाल बनाई जा रही थी। जिसे तहसीलदार फूलचंद यादव ने शनिवार को मौके पर पहुंच कर निर्माण कार्य को रुकवा दिया, तथा अवैध रूप से किए जा
 
सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने में शानदार काम के लिए तहसीलदार चकिया की हो रही तारीफ

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चंदौली जिला के शहाबगंज थाना के तियरा गांव में दो संप्रदायों के इस्तेमाल में आने वाली बंजर भूमि पर गांव के दबंगों द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर दीवाल बनाई जा रही थी। जिसे तहसीलदार फूलचंद यादव ने शनिवार को मौके पर पहुंच कर निर्माण कार्य को रुकवा दिया, तथा अवैध रूप से किए जा रहे निर्माण को स्वयं बैठकर तोड़वाया। तहसीलदार के इस कार्यों से गांव में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने में जहां काफी मदद मिली है। वहीं तहसीलदार द्वारा कराए गए इस कार्य की भूरी-भूरी प्रशंसा की जा रही है।

चकिया चंदौली मार्ग पर तियरा गांव में सड़क के किनारे आराजी नंबर 311 में .047 हेक्टेयर बंजर भूमि है। जिसके कुछ भाग में मंदिर का निर्माण किया गया है, तो वही शेष भूमि में काफी लंबे समय से प्रतिवर्ष ताजिए का जुलूस निकाला जाता है। दो संप्रदायों के इस्तेमाल में आने वाली उक्त भूमि पर आपसी भाईचारा एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण में दोनों संप्रदाय के लोग अपना अपना धार्मिक कार्य निपटाते हैं। मगर इन दिनों गांव के ही रामजी यादव तथा रामसुंदर यादव उक्त बंजर भूमि में नींव खोदकर निर्माण कार्य कराने लगे तो गांव के कुछ लोगों ने इस अवैध निर्माण का विरोध किया तो वह लोग मारपीट करने पर उतारू हो गए।

 

जिस पर गांव के ही लालबरत, श्यामबरत, जंगबहादुर, शंकर, नूरमोहम्मद ने बीते 14 सितंबर को उपजिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर अवैध निर्माण कार्य रुकवाने का मांग किया, मगर 4 दिन बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही न होने पर गांव में तनाव की स्थिति तथा सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ते देख सामाजिक कार्यकत्री अनुकृति यादव ने तहसीलदार फूलचंद यादव से बातचीत कर अवैध निर्माण पर रोक लगाए जाने की मांग की।

 

मामले को तत्काल संज्ञान में लेते ही तहसीलदार मौके पर पहुंचे, और अवैध रूप से हो रहे निर्माण पर न सिर्फ़ रोक ही लगाया, बल्कि निर्माण हो चुके दीवार को स्वयं बैठकर तोड़वाया। जिससे गांव में उत्पन्न तनाव की स्थिति से जहां निजात मिला। वही सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने में तहसीलदार की भूमिका सराहनीय रही।

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