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एक लाख बुनकरों को फायदा पहुंचाने के लिए डाक विभाग की शानदार पहल, डाक-ई-कामर्स की साइट तैयार

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले और बनारस की सीमा से सटे बुनकरों को बेहतर बाजार के संकट से उबारने की कोशिश की जा रही है। बाहर अच्छे दाम पर माल बेचने की संकट से जूझ रहे बुनकरों के लिए अब डाक विभाग उनके उत्पादों को अमेजन, फ्लिपकार्ट, जिओ मार्ट की तरह ऑनलाइन बेचने जा रहा है। इसके लिए
 
एक लाख बुनकरों को फायदा पहुंचाने के लिए डाक विभाग की शानदार पहल, डाक-ई-कामर्स की साइट तैयार

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चंदौली जिले और बनारस की सीमा से सटे बुनकरों को बेहतर बाजार के संकट से उबारने की कोशिश की जा रही है। बाहर अच्छे दाम पर माल बेचने की संकट से जूझ रहे बुनकरों के लिए अब डाक विभाग उनके उत्पादों को अमेजन, फ्लिपकार्ट, जिओ मार्ट की तरह ऑनलाइन बेचने जा रहा है। इसके लिए विभाग की ओर से डाक-ई-कामर्स की साइट तैयार कर बुनकरों के रजिस्ट्रेशन का कार्य भी शुरू करा गया हैं।

जानकारी के अनुसार अब एक जिला-एक उत्पाद योजना के तहत जिले में जरी जरदोजी उत्पाद का चयन किया गया है। इसमें साड़ी से लेकर कालीन को डाक ई कामर्स पोर्टल के माध्यम से देश के साथ विदेशों में भी पहुंचाया जाएगा। डाक कर्मचारी इसके प्रचार प्रसार में लग गए हैं। इससे बुनकरों को फायदा होने की उम्मीद है।

एक लाख बुनकरों को फायदा पहुंचाने के लिए डाक विभाग की शानदार पहल, डाक-ई-कामर्स की साइट तैयार

एक लाख बुनकरों को लाभ

धान के कटोरे के रूप में प्रसिद्ध चंदौली में बड़े पैमाने पर जरी जरदोजी का काम भी होता है। जिले में लगभग एक लाख बुनकर हैं जो इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। ऐसे में इस उत्पाद को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने एक जिला-एक उत्पाद की घोषणा की। इसके तहत चंदौली जिले के जरी जरदोजी को चयनित किया गया।

30 से अधिक गांवों को होगा फायदा

चंदौली जिले में साड़ियों पर जरी का अधिकतर कार्य गोपालापुर, दुलहीपुर, सतपोखरी, सिकंदरपुर सहित 30 से अधिक गांवों में किया जाता है। यहां के कारीगर वाराणसी के विभिन्न इकाइयों में काम करते हैं। अच्छे बाजार नहीं मिलने से कारीगरों के बनाए उत्पाद का लाभ नहीं मिल पाता है। बिचौलिए यहां से सामान उठाकर देश ही नहीं विदेशों में भी ऊंचे दामों पर बेचते हैं।

अब प्रदेश सरकार के साथ ही अब डाक विभाग भी सामने आया है। डाक के ई-कामर्स साइट पर जरी साड़ियां, कालीन आदि को छोटे व्यापारियों से लेकर देश के विभिन्न कोनों के साथ ही विदेशों में बेचा जाएगा।

एक लाख बुनकरों को फायदा पहुंचाने के लिए डाक विभाग की शानदार पहल, डाक-ई-कामर्स की साइट तैयार

डाक विभाग बुनकर से उठाएगा माल

जिले में बुनकरी से जुड़े 75 प्रतिशत से अधिक लोग वाराणसी के महाजनों पर आश्रित हैं। महाजनों से कच्चा माल लेकर बुनकर साड़ी आदि तैयार करते हैं। इसके बाद महाजन उसे लेकर ऊंचे दामों पर बेचता है। यदि यहां के बुनकर स्वयं माल तैयार भी कर लें तो वे खुद बाजार नहीं जा पाते हैं। लेकिन अब ई कामर्स साइट पर ऐसे बुनकर पंजीकरण कराने के बाद अपना माल तैयार कर खुद बेच सकते हैं।

ऑनलाइन होने के चलते जैसे ही कोई इसकी खरीददारी करेगा डाक विभाग बुनकर के पास से माल उठाकर ग्राहक के पास पहुंचा देगा। ग्राहक से मिला पैसा बुनकर के एकाउंट में पहुंच जाएगा।

एक लाख बुनकरों को फायदा पहुंचाने के लिए डाक विभाग की शानदार पहल, डाक-ई-कामर्स की साइट तैयार

अफसरों ने की बुनकरों से मुलाकात

पं. दीनदयाल उपाध्याय उप डाकघर से सहायक डाक अधीक्षक सुरेश चंद्र और मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव दिनेश तिवारी ने शनिवार को बुनकर बहुल दुलहीपुर, सतपोखरी, महाबलपुर सहित विभिन्न गांवों में पहुंच कर बुनकरों से मुलाकात की। बताया कि वे आधार, पैन, फोटो, बुनकरी प्रमण पत्र आदि देकर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इससे उन्हें लाभ होगा।

एक जिला एक उत्पाद को देश-दुनिया तक पहुंचाने के उद्देश्य से डाक विभाग के ई-कामर्स साइट पर रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। इससे जहां बुनकरों का तैयार माल सीधे ग्राहकों तक पहुंचेगा, वहीं बुनकरों को सही कीमत मिलेगी।

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