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चंदौली समाचार की खबर पढ़कर किसानों की फसल बचाने के लिए JCB लेकर आए रमेश मौर्या

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले में जलकुंभी एवं झाड़ झंकार से पटी जनकपुर माइनर से खेतों तक पानी न पहुंचने की खबर छपने का असर प्रशासनिक अमला में भले ही ना दिखाई दिया हो, मगर माइनर की सफाई के लिए सामाजिक कार्यकर्ता आगे आने लगे हैं। चंदौली समाचार मे जब सोमवार को किसानों के दर्द को बयां कर
 
चंदौली समाचार की खबर पढ़कर किसानों की फसल बचाने के लिए JCB लेकर आए रमेश मौर्या

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चंदौली जिले में जलकुंभी एवं झाड़ झंकार से पटी जनकपुर माइनर से खेतों तक पानी न पहुंचने की खबर छपने का असर प्रशासनिक अमला में भले ही ना दिखाई दिया हो, मगर माइनर की सफाई के लिए सामाजिक कार्यकर्ता आगे आने लगे हैं। चंदौली समाचार मे जब सोमवार को किसानों के दर्द को बयां कर खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया तो बसाढ़ी गांव से गुजरी माइनर की सफाई के लिए सामाजिक कार्यकर्ता रमेश मौर्य ने जेसीबी लगाकर सफाई कार्य शुरू करा दिया।

माइनर से झाड़ झंकार एवं जलकुंभी के हटते ही आसपास के किसानों के खेतों तक पानी पहुंचने लगा। जिससे बसाढ़ी गांव के किसानों का राहत की सांस ली। मगर अभी भी 21 गांवों के किसानों के समक्ष धान की फसल की सिंचाई के लिए पानी की समस्या जस की तस बनी हुई है। किसानों की लाइफ लाइन कही जाने वाली जनकपुर माइनर से शहाबगंज विकासखंड के 22 गांवों के किसानों के खेतों की सिंचाई होती है। इन दिनों जलकुंभी एवं झाड़ झंकार से माइनर की पटने से इन गांवों के किसानों की सिंचाई बाधित पड़ी हुई है।

सामाजिक कार्यकर्ता रमेश मौर्या के आगे आने से एक गांव के किसानों की समस्या जहां दूर हुई, वहीं शेष 21 गांवों के किसान आज भी जिला प्रशासन पर आस लगाए बैठे हुए हैं, यदि सरकारी महकमा किसानों की इस गंभीर समस्या पर तत्काल नहीं जागा तो 21 गांवों के किसान के समक्ष फसल बचाने की भारी चुनौती खड़ी हो जाएगी। देखना है इन गांवों के किसानों की समस्या को दूर करने के लिए कौन सा महकमा आगे आता है।

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