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ऑपरेशन कायाकल्प : 28 स्कूलों में नहीं हो पायी है हैंडपंपों की मरम्मत, 500 शौचालयों में टाइल्स भी नहीं

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले में ऑपरेशन कायाकल्प के तहत स्कूलों ने अभी तक काफी काम कराने शेष हैं। 28 स्कूलों में हैंडपंपों का रीबोर नहीं हुआ तो 361 विद्यालयों में नल से जल की व्यवस्था नहीं है। 500 विद्यालयों में शौचालयों में टाइल्स नहीं लगी है। कलेक्ट्रेट सभागार में गुरुवार को आयोजित जिला शिक्षा व अनुश्रवण समिति
 
ऑपरेशन कायाकल्प : 28 स्कूलों में नहीं हो पायी है हैंडपंपों की मरम्मत, 500 शौचालयों में टाइल्स भी नहीं

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चंदौली जिले में ऑपरेशन कायाकल्प के तहत स्कूलों ने अभी तक काफी काम कराने शेष हैं। 28 स्कूलों में हैंडपंपों का रीबोर नहीं हुआ तो 361 विद्यालयों में नल से जल की व्यवस्था नहीं है। 500 विद्यालयों में शौचालयों में टाइल्स नहीं लगी है। कलेक्ट्रेट सभागार में गुरुवार को आयोजित जिला शिक्षा व अनुश्रवण समिति की बैठक में सीडीओ ने अधूरे कार्यों को जल्द से जल्द पूरा कराने के निर्देश दिया ।

सीडीओ ने साफ साफ कहा कि शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने पर शासन का जोर है। इसमें किसी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। कायाकल्प के तहत स्कूलों में रंग-रोगन, चहारदीवारी, शौचालय, पेयजल आदि की मुकम्मल व्यवस्था होनी चाहिए। जिन विद्यालयों में मूलभूत अवस्थापना के कार्य अवशेष हैं, उनकी सूची जिला पंचायत राज अधिकारी को उपलब्ध कराएं।

ऑपरेशन कायाकल्प : 28 स्कूलों में नहीं हो पायी है हैंडपंपों की मरम्मत, 500 शौचालयों में टाइल्स भी नहीं

डीपीआरओ की ओर से निर्धारित अवधि के अंदर रुके कार्यों को पूरा कराया जाना चाहिए। स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति की पड़ताल की जाए। अधिकारियों की टीम बनाकर लगातार स्कूलों का निरीक्षण कराएं। विद्यालयों से गैरहाजिर शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि शिक्षक पढ़ाने के लिए शिक्षण योजना का उपयोग कर रहे हैं अथवा नहीं। शिक्षकों का दीक्षा व प्रेरणा एप्लिकेशन पर शत-प्रतिशत पंजीकरण सुनिश्चित किया जाए।

सीडीओ ने बीएसए से एक ही परिसर में संचालित प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के विलय की स्थिति के बारे में जानकारी ली। जिन स्कूलों का विलय नहीं हुआ है, उसकी प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण कराने पर जोर दिया। फिलहाल विद्यालय बंद हैं। ऐसे में एमडीएम नहीं बन रहा है। लेकिन शासन से एमडीएम मद में भेजी जाने वाली धनराशि अभिभावकों के खाते में हर माह भेजी जाए।

कोटे की दुकानों से बच्चों को राशन के वितरण में किसी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। इसकी शिकायत मिलने पर तत्काल विभागीय अधिकारियों को सूचित करें। ताकि लापरवाह कर्मियों व कोटेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।

बैठक में डीडीओ पदमकांत शुक्ल, डीसी एनआरएलएम एमपी चौबे, डीपीआरओ ब्रह्मचारी दुबे, बीएसए भोलेंद्र प्रताप सिंह, नीरज सिंह, संतोष सिंह व अन्य लोग यहाँ मौजूद थे।

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