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भैसउर गांव में क्रासिंग पर आरओबी नहीं बनने से ग्रामीण हैं परेशान

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले के पं. दीनदयाल उपाध्याय पटना रेल मार्ग पर धानापुर विकास खंड अंतर्गत भैसउर गांव के समीप रेलवे क्रासिंग के समीप रेलवे ओवर ब्रिज नहीं बन सका। इससे ग्रामीणों को आवागमन में दिक्कत हो रही है। रेलवे लाइन के दूसरी तरफ पांच सौ मीटर दूर खेतों तक जाने के लिए ग्रामीणों को दस किलोमीटर
 
भैसउर गांव में क्रासिंग पर आरओबी नहीं बनने से ग्रामीण हैं परेशान

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चंदौली जिले के पं. दीनदयाल उपाध्याय पटना रेल मार्ग पर धानापुर विकास खंड अंतर्गत भैसउर गांव के समीप रेलवे क्रासिंग के समीप रेलवे ओवर ब्रिज नहीं बन सका। इससे ग्रामीणों को आवागमन में दिक्कत हो रही है। रेलवे लाइन के दूसरी तरफ पांच सौ मीटर दूर खेतों तक जाने के लिए ग्रामीणों को दस किलोमीटर का चक्कर काटना पड़ता है।

बताते चले कि भैसउर गांव के बीच से होकर रेलवे लाइन गुजरी है। गांव के अधिकतर लोगों के खेत रेलवे लाइन के दूसरी तरफ हैं। पूर्व में रेलवे लाइन पर क्रासिंग बनाई गई थी और रास्ता बना हुआ था। इसी रास्ते से होकर लोग जिला मुख्यालय जाते थे। ढाई वर्ष पहले अचानक रेलवे ने क्रासिंग के समीप पोल गाड़ कर रास्ता रोक दिया। ऐसे में अब पांच सौ मीटर दूर खेतों तक ट्रैक्टर ले जाने के लिए दस किमी का अतिरिक्त चक्कर काटना पड़ता है।

ग्रामीणों ने कई बार यहां अंडर पास अथवा ओवर ब्रिज बनाने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इसी बीच धीना रेलवे स्टेशन पर फ़ुट ओवर ब्रिज का शिलान्यास करने आए तत्कालीन रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने भैंसउर गांव के सामने ओवर ब्रिज बनवाने का आश्वासन दिया। कुछ दिनों बाद सर्वे की टीम यहां पहुंची और नक्शा आदि तैयार किया। इससे ग्रामीणों में रेलवे ओवर ब्रिज बनने की आस जगी लेकिन दो वर्ष बीतने के बाद भी न तो ओवरब्रिज बना और न ही अंडर पास।

गांव के पूर्व ग्राम प्रधान धनंजय उपाध्याय ने बताया कि इस रास्ते से एक दर्जन से अधिक गांवों के लोगों का आवागमन होता है लेकिन रास्ता बंद होने से मुश्किल हो गई है।

ओमप्रकाश उपाध्याय ने बताया कि पैदल तो लोग रेलवे लाइन पार कर जाते हैं लेकिन ट्रैक्टर सहित चार पहिया वाहन से लाइन पार करना मुश्किल होता है।

जीउत साव ने बताया कि लोकसभा चुनाव के पहले प्रदेश सरकार के मंत्री के आश्वसन से खूब उम्मीद थी लेकिन आश्वासन के बाद भी ओवरब्रिज नहीं बनाया जा सका।

सुबहान अली ने कहा कि गांव तक साधन न आने से मरीजों को मरीजों को चारपाई पर लादकर रेलवे लाइन पार करना पड़ता है।

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