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भागीदारी संकल्प मोर्चा ने मनाई संत गाडगे की जयंती

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले के आज जन अधिकार पार्टी जिला कार्यालय पर मानवता के सच्चे हितैषी सामाजिक समरसता एवं स्वच्छता के द्योतक सामाजिक क्रांति के अग्रदूत महामानव संत गाडगे जी महाराज की 145 वी जयंती जन अधिकार पार्टी एवं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा बनाई गई मनाई गई । सर्वप्रथम सभी कार्यकर्ताओं ने बारी-बारी से
 
भागीदारी संकल्प मोर्चा ने मनाई संत गाडगे की जयंती

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चंदौली जिले के आज जन अधिकार पार्टी जिला कार्यालय पर मानवता के सच्चे हितैषी सामाजिक समरसता एवं स्वच्छता के द्योतक सामाजिक क्रांति के अग्रदूत महामानव संत गाडगे जी महाराज की 145 वी जयंती जन अधिकार पार्टी एवं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा बनाई गई मनाई गई ।

सर्वप्रथम सभी कार्यकर्ताओं ने बारी-बारी से उनके तैल चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए तत्पश्चात एक सभा का आयोजन हुआ । जिसमें सभी वक्ताओं ने उनके संघर्षों एवं समाज में दिए योगदान पर चर्चा करते हुए बताया कि संत गाडगे बाबा जी मानते थे कि हमारे कर्म भावनाओं से बड़े होते हैं। दुनिया को प्रेम से जीता जा सकता है। शत्रुता से नहीं सफलता को पाने के लिए खुद के बनाए हुए नियमों का पालन करना चाहिए ।

भागीदारी संकल्प मोर्चा ने मनाई संत गाडगे की जयंती

वक्ताओं की कड़ी में जिला अध्यक्ष सुनील कुमार मौर्य ने कहा कि संत गाडगे बाबा कहा करते थे कि आपसी भाईचारे की संस्कृति विकसित करना आवश्यक है लेकिन इसके लिए मांस खिलाना और शराब पिलाना यह यह कोई धर्म नहीं है । परंपराओं का निर्वहन कर्ज लेकर नहीं करना चाहिए सदैव सादा जीवन जीना चाहिए। शान और शौकत इंसान को बर्बाद कर देते हैं ।

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी महासचिव बबलू राजभर जी ने बताया कि संत गाडगे बाबा शिक्षा के ऊपर बहुत बल देते थे। उन्होंने यहां तक कहा था कि सस्ते कपड़े पहनो जरूरत पड़े तो अपने घर के बर्तन बेच दो लेकिन बच्चों को पढ़ाओ।

कार्यक्रम का संचालन कर रहे जिला महासचिव भोलानाथ विश्वकर्मा जी ने बताया कि बाबा गाडगे जी एक सच्चे जनसेवक समाज सुधारक थे । यह गरीब कमजोर दुखी और व्यक्तियों की सेवा सहायता के सदैव तत्पर रहने वाले संत गाडगे बाबा का जन्म 23 फरवरी 1876 को महाराष्ट्र हुआ था। 29 वर्ष की उम्र में ही संत गाडगे बाबा समाज की दुर्दशा को देखकर घर से मिट्टी का बर्तन लेकर निकल गए । महाराष्ट्र में उसे गार्ड का कहा जाता है । बाद में इसी के नाम पर उनका नाम संत गाडगे पड़ गया ।

इस मौके पर प्रभाकर मौर्य, शिवनारायण मौर्य, नागेंद्र मौर्य, गुड्डू पासवान, संपूर्णानंद दीवान, संजय विश्वकर्मा सहित ढेरों कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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