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सौभाग्य योजना में अभी तक 15 हजार घरों तक नहीं पहुंची है बिजली, अब ऐसा कर रहे दावा

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show भारत सरकार व राज्य सरकारें गरीबों के घर को रोशन करने के लिए 25 सितंबर वर्ष 2017 को सौभाग्य योजना शुरू कर रखी है। योजना के तहत उन सभी घरों में बिजली कनेक्शन पहुंचाया जाना था जिन्हें यह सुविधा नहीं मिल रही थी। जिले में इस योजना के तहत तकरीबन 80 हजार घरों को रोशन
 
सौभाग्य योजना में अभी तक 15 हजार घरों तक नहीं पहुंची है बिजली, अब ऐसा कर रहे दावा

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भारत सरकार व राज्य सरकारें गरीबों के घर को रोशन करने के लिए 25 सितंबर वर्ष 2017 को सौभाग्य योजना शुरू कर रखी है। योजना के तहत उन सभी घरों में बिजली कनेक्शन पहुंचाया जाना था जिन्हें यह सुविधा नहीं मिल रही थी। जिले में इस योजना के तहत तकरीबन 80 हजार घरों को रोशन किया जाना था लेकिन तय मियाद बीत जाने के बाद भी काम अधूरा है। कागज पर तो लक्ष्य पूरा कर लिया गया है पर अभी 15 हजार घरों तक बिजली नहीं पहुंच पाई है। हालांकि वर्ष 2018 में पूरा हो जाने वाले कार्य की अवधि बढ़ाकर दिसंबर 2020 कर दी गई है।

गांवों के अंतिम व्यक्ति तक बिजली की सुविधा पहुंचाने के लिए वितरण कंपनियों को अपने खर्च पर बुनियादी ढांचे का निर्माण करने की जिम्मेदारी दी गई थी। इसके तहत जिले के उन 80 हजार घरों का चयन किया गया था जिनमें बिजली की सुविधा नहीं थी। निजी कंपनी एल एंड टी को इन सभी घरों में मीटर लगाने व बिजली कनेक्शन दिए जाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। कंपनी ने तेजी से कार्य करना आरंभ किया और घरों में बिजली कनेक्शन पहुंचाए लेकिन कुछ दिनों बाद इसकी रफ्तार धीमी पड़ गई।

वर्ष 2020 के जुलाई माह तक कंपनी लगभग 65 हजार घरों में बिजली के कनेक्शन दे पाई है। वहीं 15 हजार घरों के लोग बिजली कनेक्शन पहुंचने के इंतजार में हैं। अब कंपनी को दिसंबर 2020 तक कार्य पूरा करने को कहा गया है।

कनेक्शन देने की अवधि दो वर्ष बढ़ाकर दिसंबर 2020 कर दिए जाने से उन गरीब तबके के लोगों की उम्मीद बढ़ गई है जो अब तक इस सुविधा से दूर हैं। इनमें सुदूर क्षेत्र के उन गांवों के लोग शामिल हैं जहां अब तक बिजली नहीं पहुंच पाई है। विशेषकर नक्सल प्रभावित नौगढ़ क्षेत्र के उन वनवासी गांवों के लोगों की उम्मीदें बढ़ी हैं जो ढिबरी युग में जीवन-यापन कर रहे हैं।

सरकार की ओर से कंपनियों को शिविर लगाकर कनेक्शन दिए जाने के निर्देश दिए गए थे लेकिन जिले में शिविर का आयोजन नहीं किया गया। इससे लाभार्थियों को परेशानी उठानी पड़ी। वे कनेक्शन लेने के लिए ग्राम प्रधानों व सभासदों के दरवाजे का चक्कर काटते रहे।

अधीक्षण अभियंता मनोज पाठक का दावा है कि लक्ष्य के सापेक्ष करीब दो तिहाई कनेक्शन दे दिए गए हैं। कोरोना काल में लॉकडाउन के कारण कार्य की प्रगति धीमी हो गई थी। अब छूट मिलने के बाद बचे कनेक्शन पूरे करा दिए जाएंगे। इसके लिए कार्यदायी को निर्देशित किया जा चुका है।

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