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चंदौली में भी अपने कारनामे दिखा चुके हैं चौबेपुर थानाध्यक्ष सस्पेंड दरोगा विनय तिवारी

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के बिकरू कांड में गिरफ्तार हुए चौबेपुर थानाध्यक्ष विनय तिवारी का चंदौली जिले में तैनात रहे हैं और यहां अपनी ट्रेनिंग के साथ साथ कई पुलिस चौकियों व सर्विलांस सेल प्रभारी के रूप में काम कर चुके हैं। यहां भी विवादों से उनका नाता बना रहा। कहा तो यह जाता
 
चंदौली में भी अपने कारनामे दिखा  चुके हैं चौबेपुर थानाध्यक्ष सस्पेंड दरोगा विनय तिवारी

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उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के बिकरू कांड में गिरफ्तार हुए चौबेपुर थानाध्यक्ष विनय तिवारी का चंदौली जिले में तैनात रहे हैं और यहां अपनी ट्रेनिंग के साथ साथ कई पुलिस चौकियों व सर्विलांस सेल प्रभारी के रूप में काम कर चुके हैं। यहां भी विवादों से उनका नाता बना रहा।

कहा तो यह जाता था कि क्राइम ब्रांच में सर्विलांस प्रभारी के पद पर रहे विनय तिवारी पर एक बार नहीं कई बार उनके कारनामों के कारण अंगुली उठती रही।

चर्चा के अनुसार शराब कारोबारियों से गठजोड़ तो कभी आपराधिक मामलों के खुलासे में सवालों के घेरे में रहने वाले विनय तिवारी पैसे लेकर मामले को निपटाने के साथ-साथ कई लोगों को फर्जी तरीके से परेशान करने व कई अपराधियों के मामले को हल्के में सलटा देने के एक नहीं कई कारनामे कर चुके हैं।

चंदौली में भी अपने कारनामे दिखा  चुके हैं चौबेपुर थानाध्यक्ष सस्पेंड दरोगा विनय तिवारी

करीब तीन साल पहले धीना थाने के एक गांव में विनय तिवारी पर मारपीट में एक व्यक्ति की हत्या होने के बाद पीड़ित पक्ष की शिकायत पर लाइनहाजिर कर दिया गया था क्योंकि इन्होंने आरोपित पक्ष से सांठगांठ कर मामले को हल्का कर दिया गया। जांच में पुष्टि होने के बाद लाइन हाजिर हुए थे।

इसके बाद जब उन्हें चौकी प्रभारी चकिया बनाया गया तो वहां बिहार के लिए हो रही शराब तस्करी में इनका नाम उछला तो तत्कालीन एसपी ने कार्रवाई करके हटा दिया।

कहा तो यह भी जाता था कि भलेहि किसी मामले में इन पर कार्रवाई होती रही पर अधिकारियों को अपने फेवर में करने का गुण भी इनके पास था। इसी के कारण एक जगह से हटते ही दूसरी जगह तैनात हो जाते थे।

कहा जा रहा है कि डेढ़ साल पहले इन्हें क्राइम ब्रांच में सर्विलांस प्रभारी की जिम्मेदारी मिली। कुछ ही दिन बाद लौंदा गांव के पास एक अपराधी के इनकाउंटर में इन पर अंगुली उठी थी, हालांकि जांच के दौरान शासन से इन्हें क्लीनचिट मिल गई।

कुछ ही दिन बाद आरोप लगने लगे शराब के बड़े कारोबारियों से इनकी सांठगांठ व रामनगर थाने के तीन सिपाहियों की शराब तस्करी में संलिप्ता उजागर हुई तो इनका भी नाम जोर शोर से उछला लेकिन ऊंची पकड़ का इन्हें फायदा मिला।

पुलिस सूत्रों की मानें तो इनका विभाग में नेटवर्क काफी तगड़ा था, जिसके जरिए ये बचते रहे पर कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद इनकी सारी कलई खुलने लगी है।

बताया जा रहा है कि चंदौली जिले में विनय तिवारी अंडर ट्रेनिंग सकलडीहा कोतवाली में एसआई पद पर तैनात थे, उसके बाद धीना थाना क्षेत्र की महुंजी चौकी पर चौकी प्रभारी रहे। फिर चकिया में तैनाती हुई। इसके बाद लगभग 2 साल सर्विलांस सेल में एसआई के पद पर कार्यरत रहे। उसके बाद गैर जनपद ट्रांसफर में कानपुर जाने के बाद चौबेपुर थाने में थाना अध्यक्ष बनाए गए थे।

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