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अवश्य पढ़ें 14 दिसम्बर को लगने वाले सूर्य ग्रहण के बारे में यह खास जानकारी, क्या करें धार्मिक मान्यताओं वाले लोग

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show विश्व के कई देशों में 14 दिसम्बर 2020 खग्रास सूर्यग्रहण लगने जा रहा है। यह हमारे देश में लगेगा व न ही दिखेहा। पर इसको लेकर तमाम तरह के भ्रम व विश्लेषण लोगों के द्वारा किए जा रहा है। धार्मिक लोगों की भ्रम पूर्ण स्थिति के निवारण हेतु कुछ जानकारियां दी जा रही हैं….. स्वामी
 
अवश्य पढ़ें 14 दिसम्बर को लगने वाले सूर्य ग्रहण के बारे में यह खास जानकारी, क्या करें धार्मिक मान्यताओं वाले लोग

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विश्व के कई देशों में 14 दिसम्बर 2020 खग्रास सूर्यग्रहण लगने जा रहा है। यह हमारे देश में लगेगा व न ही दिखेहा। पर इसको लेकर तमाम तरह के भ्रम व विश्लेषण लोगों के द्वारा किए जा रहा है। धार्मिक लोगों की भ्रम पूर्ण स्थिति के निवारण हेतु कुछ जानकारियां दी जा रही हैं…..

स्वामी लोकेशानंद के अनुसार मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष अमावस्या तिथि सोमवार तदनुसार 14 दिसम्बर 2020 को खग्रास सूर्यग्रहण लग अवश्य रहा है किंतु यह खग्रास सूर्यग्रहण भारत देश में दृश्य नहीं है। अतः इसका कोई भी शुभ-अशुभ प्रभाव भारतवासियों पर लागू नहीं होगा।

अवश्य पढ़ें 14 दिसम्बर को लगने वाले सूर्य ग्रहण के बारे में यह खास जानकारी, क्या करें धार्मिक मान्यताओं वाले लोग

यह खग्रास सूर्यग्रहण दक्षिणी गोलार्ध में अटलांटिक पैसफिक, चिली, अर्जेन्टीना समुद्री क्षेत्र से सूर्योदय के समय यूनिवर्सल समय (UT) घं. 13 मि. 33 से प्रारम्भ होगा। इसका प्रथम स्पर्श भूमि पर अर्जेन्टीना के पश्चिमी क्षेत्र से खण्डसूर्यग्रहण के रूप में प्रारम्भ होगा।

यूनिवर्सल समय घं. 14 मिनट 33 से खग्रास सूर्यग्रहण के रूप में प्रारम्भ होगा तथा यह ग्रहण सुदूर दक्षिण अफ्रीका के समुद्री क्षेत्र में सूर्यास्त के समय यूनिवर्सल समय 17 बजकर 54 मिनट खग्रास सूर्यग्रहण का मोक्ष होगा।

यूनिवर्सल समय 18:53 पर खण्डसूर्यग्रहण का मोक्ष होगा। इसका मध्यमान 17:13 पर होगा एवं इस ग्रहण का ग्रसमान 10.46 होगा।

पुनः ध्यान दें.. यह ग्रहण भारत देश मे न तो दृश्य होगा और न ही प्रभावी होगा। अतः सोमवती अमावस्या से सम्बन्धित पूजा-पाठ, पीपलवृक्ष के नीचे विष्णु प्रतिमा स्थापित करके विधान पूर्वक पूजन करके सौभाग्यवती महिलाओं द्वारा शौभाग्य वृद्धि हेतु पीपलवृक्ष की 108 परिक्रमा करनी चाहिए। यह सभी कार्य यथावत होगा इसका ग्रहण आदि से कोई सम्बन्ध नहीं है।

मीडिया व सोशल मीडिया की आधी अधूरी जानकारी से सावधान रहे व इसकी समुचित जानकारी हेतु क्षेत्रीय पञ्चाङ्ग व अपने विद्वान पुरोहितजनों की परामर्श लेकर ही कोई निर्णय लें ।

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